चिचोली अंतराष्ट्रीय नर्सिग डे पर हास्पीटल में फूलों की वर्षा कर सम्मान। 12 मई 1820 को फ्लोरेंस नाइटिगल पहली नर्स को दी श्रद्धाँजलि।

चिचोली अंतराष्ट्रीय नर्सिग डे पर हास्पीटल में फूलों की वर्षा कर सम्मान। 12 मई 1820 को फ्लोरेंस नाइटिगल पहली नर्स को दी श्रद्धाँजलि।

चिचोली से सुरेन्द्र बावने की रिपोर्ट।

12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सिग डे के अवसर पर मेडिकल आफीसर राजेश अतुलकर, स्वास्थ्य कर्मचारी संघ अध्यक्ष एआर फोटफोडे, विनीत आर्य ने अस्पताल में कार्यरत स्टाफ़ नर्स का फूलों की वर्षा कर शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत नर्सिंग स्टाफ ने कोविड-19 में जो लोगों की सेवा की है वे सराहनीय है।

डाक्टर कमलेश सोनी ने कहा कि मरीजों की सेवा तो नर्स अपनी जान की भी परवाह नहीं करती हैं। ये कोरोना संक्रामक महामारी में देखने को मिली है। सुमित घोगरकर ने कहा 12 मई 1820 को फ्लोरेंस नाइटिगल नामक पहली नर्स ने 200 वर्ष पूर्व द्वितीय विश्वयुद्ध में घायल सैनिकों का इलाज दीपक की रोशनी में किया था। तभी से से लैम्प लेडी का नर्स दिवस मनाया जा रहा है।

कविता पाटील, अनु प्रिया कटारे, निरंजना डांगे, रश्मि तीमोती, प्रर्मिला वरकडे ने कहा नर्स के त्याग और बलिदान को देखना चाहिए। परिजन भी साथ छोड़ देते हैं तो हम मौत तक मरीज के साथ रहकर सेवा करते हैं। बीईई अनिल कटारे ने कहा सभी नर्सो को बधाई देते हैं। कोरोना संक्रामक महामारी में योगदान को भूलेगा नहीं।

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