इंदौर में एक सिगरेट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 105 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी।

इंदौर में एक सिगरेट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से 105 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी।

अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।

सेंट्रल जीएसटी इंटेलिजेंस टीम द्वारा ऑपरेशन “कर्क” का द्वितीय चरण।

GST evasion of rs 105 crore from one cigarette manufacturing unit in indore
GST evasion of rs 105 crore from one cigarette manufacturing unit in indore

इंदौर। गुड्स एंड सर्विस टैक्स जीएसटी चोरी का मामला जिसमें मेसर्स एलोरा टोबेको लिमिटेड, 14-बी, सेक्टर-एफ, सांवेर रोड, इंदौर, मध्यप्रदेश द्वारा ब्रांडेड सिगरेट का अवैध निर्माण, आपूर्ति और बिक्री शामिल है।

ऑपरेशन कोड नाम ऑपरेशन “कर्क” का द्वितीय चरण।

पहले से चल रहे ऑपरेशन कर्क के द्वितीय चरण में सेंट्रल जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम ने पहले से पान मसाला के अवैध कारोबार कर रहे सिंडिकेट द्वारा सिगरेट के भी अवैध निर्माण, बिक्री का पता लगाया है।

जीएसटी की राशि और जब्ती का विवरण-जीएसटी: अप्रैल 2019 से मई 2020 तक लगभग 105 करोड़ रुपये की कच्चे माल की जब्ती: 26 लाख रुपये की पैकिंग सामग्री। केंद्रीय जीएसटी अधिनियम के तहत गिरफ्तारी एक 01इस चोरी का मास्टरमाइंड 15 जून 2020 को मुंबई से पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।

ऑपरेशन “कर्क” के चरण -1 में, डीजीजीआई भोपाल ने 09 से 12 जून 2020 तक पान मसाला, तम्बाकू के कई डीलरों और वितरकों की खोज की थी, जिससे बिना जीएसटी भरा हुआ पान मसाला, तंबाकू का स्टॉक जब्त कर लिया गया था।

इस प्रकरण में 400 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का अनुमान लगाया गया था।

2.0 पान मसाला, तम्बाकू जीएसटी चोरी के मास्टरमाइंड और वित्तीय लाभार्थियों में से एक, जिन्हें 15 जून 2020 को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था, वह भी मैसर्स एलोरा टोबैको कंपनी लिमिटेड नामक एक इकाई से सिगरेट के निर्माण और आपूर्ति में शामिल पाए गए थे।

इंदौर सेंट्रल जीएसटी इंटेलिजेंस के अधिकारियों द्वारा डेटा विश्लेषण से संकेत मिलता है कि इस इकाई ने विगत 2 वित्तीय वर्षो में केवल 2.09 करोड़ और 1.46 करोड़ रूपये ही टैक्स भरा है।

आगे के विश्लेषण और एकत्र की गई जानकारी के आधार पर जून 2020 के तीसरे सप्ताह के दौरान इस इकाई से जुड़े 5 परिसरों में सर्च की गई।

3.0 जीएसटी इंटेलिजेंस द्वारा की गई जांच में केवल अप्रैल, 2019 से मई, 2020 की अवधि के लिए लगभग 105 करोड़ रु. के अनुमानित कर, शुल्क, उपकर चोरी का खुलासा हुआ है। इसी तरह की चोरी जीएसटी के शेष समय के दौरान इकाई द्वारा किया गया है।

जीएसटी पूर्व समय में केंद्रीय उत्पाद शुल्क अवधि में भी राजस्व चोरी होने का संदेह है। इसलिए कुल राजस्व चोरी कई गुना अधिक होने का संदेह है, जो जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगी।

3.1 इस कर चोरी सिंडिकेट में कंपनी के निदेशक, ट्रांसपोर्टर्स, सहायक निर्माता और कच्चे माल के आपूर्तिकर्ता शामिल हैं। इनमे से बहुत सारे लोग फरार हैं तथा ये लोग अभी तक जाँच एजेंसी के सम्मुख उपस्थित नहीं हुए हैं।

मेसर्स एलोरा टोबैको कंपनी लिमिटेड की फैक्ट्री की सर्च से पता चला कि फैक्ट्री के पीछे की तरफ एक गुप्त निकास स्थापित किया गया था, जहां से बेहिसाब कच्चा माल कारखाने में लाया जाता था और तैयार माल को अवैध रूप से निर्गत किया जाता था।

यह भी पाया गया कि सिगरेट के निर्माण के लिए ऑपरेटिंग मशीनों को चलाने वाले जेनरेटर सेट की रीडिंग में, उत्पादन को दबाने के लिए हेरफेर किया गया था।

कारखाने के पर्यवेक्षक, लेखाकार और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ से, यह अनुमान लगाया जाता है कि पिछले कई वर्षों से उत्पादन का 5% से कम का ही हिसाब दिखाया जा रहा था। यहां तक ​​कि रिकॉर्ड में दर्ज उत्पादन के प्रमुख खरीदार भी काल्पनिक पाए गए हैं।

3.2 19 जून 2020 को सेंट्रल जीएसटी इंटेलिजेंस की टीम कर चोरों द्वारा इस्तेमाल किए गए अपंजीकृत गोदामों में से एक का पता लगाने में भी सफल रही। जिसमें विशिष्ट ब्रांड के सिगरेट जैसे K10 और A10 की पैकिंग सामग्री को पकड़ने के लिए सर्च की गयी, जिसमें पता चला है कि जब्त पैकिंग सामग्री 27 करोड़ रुपये के अनुमानित मुद्रित एमआरपी के साथ 5000 डिब्बों प्रत्येक कार्टन में 12000 सिगरेट पैक करने के लिए पर्याप्त है।

हालांकि, यह संदेह है कि इंदौर और उसके आसपास बड़ी संख्या में ऐसे अन्य गुप्त और अघोषित गोदाम हो सकते हैं, जिन्हें लगभग 1500 कार्टन की अवैध आपूर्ति की पुष्टि की है।

3.3 मास्टरमाइंड वित्तीय लाभार्थी के अकाउंट की वित्तीय जांच से संकेत मिलता है कि उन्होंने एक मीडिया हाउस खोला था जिसमें उन्होंने प्रति माह 1.2-1.5 लाख समाचार पत्रों की प्रतियों के वितरण की घोषणा की थी, जबकि वास्तव में प्रति माह केवल 4000-6000 का प्रचलन था। इस प्रकार, इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड ने अखबारों की फर्जी बिक्री एवं भारी मात्रा में फ़र्ज़ी विज्ञापन की आय दिखा कर पान मसाला और सिगरेट के अवैध धन जो नकद में था को सफ़ेद कर लिया।

इस आशय की जानकारी अतिरिक्त महानिदेशक
सेंट्रल जीएसटी इंटेलिजेंस डीजीजीआई
भोपाल, मध्यप्रदेश के द्वारा अपने हस्ताक्षर से दिनांक 22 जून 2020 को जारी की।

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