किसानों के लिए मोदी सरकार की अच्छी पहल।
अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।
किसानों को 3 करोड़ तक का मिलेगा लोन:
सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी (Income doubled) करने के लक्ष्य को एफपीओ (FPO) के माध्यम से हासिल करने के प्लान के साथ आगे बढ़ रही है।
मोदी सरकार किसान और कृषि (Farmers and Agriculture) को आगे बढ़ाने के लिए अगले पांच साल में 5000 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है। इसके तहत किसानों को आर्थिक सहायता देकर उन्हें समृद्ध बनाने का प्लान बनाया गया है।
यह है पूरी योजना:
इसके लिए किसानों को एक कंपनी यानि किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाना होगा। सरकार ने ऐसे 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने की मंजूरी दे दी है।
एफपीओ लघु और सीमांत किसानों का एक समूह होगा।इससे जुड़े किसानों को न सिर्फ अपनी उपज का बाजार मिलेगा बल्कि उनके लिए खाद, बीज, दवाइयां और कृषि उपकरण आदि खरीदना आसान होगा।सेवाएं सस्ती मिलेंगी और बिचौलियों के मकड़जाल से मुक्ति मिलेगी।
किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी बताते हैं कि अगर अकेला किसान अपनी पैदावार बेचने जाता है तो उसका मुनाफा बिचौलियों को मिलता है। एफपीओ सिस्टम में किसान को उसके उत्पाद के भाव अच्छे मिलेंगे, क्योंकि यहां बिचौलिए नहीं होंगे।
इसमें किसानों का समूह क्षेत्र में कृषि आधारित उद्योग लगाकर कच्चे माल की जगह प्रसंस्कृत और रेडी टू यूज उत्पाद को सीधे बाजार में भेजेगा। चौधरी के मुताबिक ये 10,000 नए एफपीओ 2019-20 से लेकर 2023-24 तक बनाए जाएंगे, इससे किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ेगी।
ग्रुप बनाकर काम करने पर किसानों को मिलेगा लाभ
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानी एसपीओ बनाने पर हर एक एफपीओ को उद्योग लगाने के लिए तीन करोड़ रुपए तक का लोन केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए न्यूनतम 300 किसानों का एक समूह बनाना होगा।
इसमें हर किसान का एक समान अंशदान और लाभांश रहेगा। 15 लाख रुपए तक किसानों का अंशदान जमा होने पर उतने ही रुपयों की सहायता सरकार करेगी। इसके अलावा 18 लाख रुपए तक की सहायता किसानों को रनिंग कॉस्ट के तहत अलग से दी जाएगी।
इनके प्रोडक्शन फैक्ट्री लगा सकते हैं किसान शेष बची करीब 2 करोड़ 52 लाख का सरकार लोन देगी। इस लोन पर ब्याज भी बाजार की प्रचलित दर से 3 फीसदी कम पर दिया जाएगा। इसके अलावा कई अन्य तरह से लाभ भी इसमें शामिल रहेंगे।
एफपीओ के तहत दाल मिल, आटा मिल, डेयरी, चिप्स, सॉस और जैम बनाने की फैक्ट्री के साथ-साथ फ्रूट जूस प्लांट लगाने जैसे काम किए जा सकेंगे।