गलवान घाटी की घटना ने भारतवासियों के हृदय को झंकझोर दिया है।

गलवान घाटी की घटना ने भारतवासियों के हृदय को झंकझोर दिया है।

संकलन: संजय शर्मा उज्जैन।

चीन के इस छल से जो इन शहीदों का बलिदान हुआ है।इस कारण भारतवासियों के मन में बहुत ज्यादा आक्रोश उत्पन्न हुआ है, और देशवासियों ने स्वदेशी उत्पाद को ही क्रय करने का निर्णय लिया है। डॉ.रीना रवि मालपानी ने अपनी देशभक्ति और चीन के प्रति आक्रोश को अपनी रचना के माध्यम से व्यक्त किया है:

The event of the melting valley has shook the hearts of the people of India.
The event of the melting valley has shook the hearts of the people of India.

स्वदेशी अपनाओ: आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाओ”।

लेंगे शहीदो की शहादत का बदला,

गलवान घाटी की घटना ने देशवासियों के हृदय को बदला।

चीन की वस्तुओं के क्रय पर हम लगा देंगे विराम,

चीनी उत्पाद के खिलाफ छेड़ेंगे ऐसा कोहराम।

करते हम आत्मनिर्भर भारत का आह्वान,

व्यर्थ न जाने देंगे शूरवीरों का बलिदान।

स्वदेशी उत्पाद का करों प्रसार,

चाइना के सामान का अब करों बहिष्कार।

हर भारतवासी को लड़ना होगा चीनी वस्तुओं के परित्याग से,

चीन को उसकी हैसियत दिखानी होगी उसके बहिष्कार से।

ध्येय है स्वयं ही जरूरत का सामान बनाना,

निश्चित ही एक दिन आएगा जब चाइना को पड़ेंगा गिड़गिड़ाना।

देश के सच्चे भक्तो का बढ़ाना है स्वाभिमान,

साबित होगा यह कदम भारत के लिए वरदान।

अब समय है देश में लोकल वस्तुओं पर देना होगा बल,

चीन हमेशा के लिए भूल जाएगा छल।

चाइना के सामान की करनी है ऐसी दुर्गति,

तभी शहीदो को मिल पाएगी सच्ची वीरगति।

चीनी वस्तुओं के परित्याग का एकमात्र है विकल्प,

आओ इसी क्षण से ले स्वदेशी उत्पाद कोअपनाने का दृढ़ संकल्प।

डॉ.रीना रवि मालपानी।

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