बाइक में कर रहे थे नशीली दवाओं की तस्करी, दो गिरफ्तार।

बाइक में कर रहे थे नशीली दवाओं की तस्करी, दो गिरफ्तार।

शहडोल से मोहित तिवारी की रेपोरी।

पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र शुक्ला द्वारा नशे के खिलाफ चलाए जा रहेे अभियान में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है।

Drug smuggling doing in bikes, two arrested.
Drug smuggling doing in bikes, two arrested.

पिछले करीब 02 सप्ताह से लगभग हर दिन जिले के किसी ना किसी थाने में गांजा, शराब, नशीली दवा आदि के मामले सामने आए हैं। जो इस बात का प्रतीक है कि एसपी नशे के कितने विरोधी हैं।

शहडोल। जिला अंतर्गत बुढ़ार पुलिस को को सूचना मिली थी कि ग्राम टिकुरी टोला निवासी कृष्ण कुमार चौधरी अपने साथी मोहम्मद ताहिर निवासी धनपुरी के साथ उसकी प्लेटिना मोटर सायकल क्रमांक एमपी 18 एमएन 7963 में बैठकर अपने हाथ में एक प्लास्टिक के झोले में नशीला कफ सिरप रखकर शहडोल की तरफ बिक्री हेतु जा रहे हैं।बइस सूचना से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाकर पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र शुक्ल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती प्रतिमा एस. मैथ्यू के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बुढार महेन्द्र सिंह चौहान द्वारा तत्काल पुलिस टीम गठित की गई।

झोले में छिपा रही थी नशीली दवाएं:

पुलिस टीम द्वारा रेस्ट हाऊस तिराहा, एलआईसी ऑफिस के सामने घेराबंदी की गई, जिस दौरान रेल्वे पुलिया रोड तरफ से एक मोटर सायकल में दो व्यक्ति रेस्ट हाऊस तिराहा की ओर आते दिखे, जिन्हें रोककर पूछताछ की गई। उन्होंने अपना नाम मोहम्मद ताहिर निवासी धनपुरी एवं कृष्ण कुमार चौधरी निवासी टिकुरी टोला बुढार, बताया एवं साथ में रखे प्लास्टिक झोले को चैक किया गया जिसके अंदर 10 नग टफरेक्स कफ सिरप एवं 43 नग इल्डर कफ सिरप (कुल 53 सीसी) कुल कीमत 6,840 रूपये पाया गया।

एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्यवाही:

पुलिस द्वारा दवाई रखने के संबंध में अनुज्ञप्ति मांगने पर आरोपियों ने कोई दस्तावेज पेश नहीं किये। जिस पर पुलिस ने इन नशीली दवाइयां एवं अपराध में प्रयुक्त प्लेटिना मोटर सायकल जप्त कर दोनो आरोपियों के विरूद्ध धारा 8/21, 22 एनडीपीएस एक्ट एवं 5/13 म.प्र. औषधी नियंत्रण एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया जाकर गिरफ्तार किया है।

ड्रग माफिया को पकड़ने में इनकी रही भूमिका:

कार्यवाही थाना प्रभारी बुढार निरीक्षक महेन्द्र सिंह के नेतृत्व में उप निरीक्षक एल.बी. तिवारी, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला, आरक्षक रामशरण दीवान एवं जगभान सिंह की महत्वपूर्ण एवं सराहनीय भूमिका रही।

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