मेडिकल दुकानों को सर्दी, खांसी, बुखार की दवाओं के विक्रय का ब्यौरा देना होगा।

मेडिकल दुकानों को सर्दी, खांसी, बुखार की दवाओं के विक्रय का ब्यौरा देना होगा।

प्रायवेट डॉक्टर्स को भी जानकारी उपलब्ध करानी होगी। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जारी किया आदेश।

Medical stores will have to give details of the sale of cold, cough and fever medicines.
Medical stores will have to give details of the sale of cold, cough and fever medicines.

हरदा। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सही जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत आदेश जारी किया है। जिले की समस्त मेडिकल दुकानों एवं फार्मेसी को आदेशित किया गया है कि उनके द्वारा जिन व्यक्तियों को सर्दी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने संबंधी दवाईयां विक्रय की जा रही हैं। उसका सम्पूर्ण ब्यौरा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रदाय किए जा रहे प्रारूप में प्रतिदिन उपलब्ध कराएं।

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने जिले के समस्त पैथोलॉजी सेंटर संचालकों को आदेशित किया है कि उनके द्वारा जिन व्यक्तियों के मलेरिया पैरासाइट टेस्ट, विडाल टेस्ट, कम्पलीट ब्लड प्रोफाईल, चेस्ट एक्सरे सहित अन्य टेस्ट जो सूचित किए जाए, का सम्पूर्ण ब्यौरा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को उपलब्ध करवाएं।

इसी प्रकार जिले के सभी एलोपैथी, आयुष, यूनानी, सिद्धा, होमियोपैथी प्रायवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर, प्रायवेट क्लीनिक्स, अस्पताल को आदेशित किया गया है कि सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों वाले मरीज़ों की पूरी जानकारी सीएमएचओ को निर्धारित प्रारूप में उपलब्ध कराएं।

जिन व्यक्तियों की जानकारी सीएमएचओ को उपलब्ध कराई जाएगी, उन व्यक्तियों के पहचान पत्र के लिए ड्राईविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड में से किसी एक का अनिवार्य रूप से परीक्षण कर जानकारी सत्यापित करने के बाद ही सेवाएं प्रदान करना होगा। व्यक्ति के पते की सही जानकारी भी अंकित करनी होगी। साथ ही इन व्यक्तियों के मोबाईल नम्बर पर कॉल कर नम्बर का सत्यापन भी मेडिकल दुकानों, पैथोलॉजी संचालक एवं प्रायवेट मेडिकल प्रैक्टिशनर को करना होगा।

यदि संबंधित संस्थाओं द्वारा वांछित जानकारी नहीं उपलब्ध कराए जाने के बाद कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाई जाती है, या सूचना समय से प्राप्त न होने से संबंधित व्यक्ति की हालत गंभीर होती है अथवा उसकी मृत्यु हो जाती है तो संस्था के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

इस आदेश का उल्लंघन करने पर धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय कार्यवाही की जाएगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।

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