कोरोना महामारी को लेकर प्रशासन सुस्त, व्यवस्था ध्वस्त।
टीकमगढ़ से जमील खान की रिपोर्ट।
ना बचाव, न मास्क, न सामाजिक दूरी।
टीकमगढ़। कोरोना महामारी को लेकर इस समय प्रशासनिक अधिकारी सुस्त दिखाई दे रहे हैं, वहीं व्यवस्थाएं ध्वस्थ दिखाई देने लगी हैं। लाकडाउन के प्रथम ओर द्वितीय चरण में जहां व्यवस्थाएँ इतनी चांक चौबंद थीं वहीं पुलिस का पहरा भी इतना सख्त था कि लोग सड़कों पर दिखना बंद हो गये थे।
वही आज वर्तमान में जब नगर सहित जिले में दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं और पिछले चार दिनों की बात करें तो जिले में प्रतिदिन संक्रमण के नये मरीज सामने आ रहे हैं। इसके बावजूद प्रशासन का सुस्त रवैया लोगों को रास नहीं आ रहा है।
एक ओर जहां लाकडाउन के नाम पर शासन ने इतिश्री कर ली है। वहीं प्रशासनिक व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं, जिला अस्पताल में नई कोरोना मशीन आने के बावजूद टेस्ट किट न होना, प्रशासनिक लापरवाही को बयाँ करती है। नगर में बेलगाम बाजार, चाय-पान, चाट-चौपाटी, मेंगो-आइसक्रीम की दूकानों और ठेलों पर लगी भारी भीड़। सोशल डिस्टेंस की जिस तरह से धज्जियां उड़ रही हैं। इससे लगता है कि मानों कोरोना ही काल के गाल में समा गया हो।
नगर में पुलिस गश्त का नामोनिशान नहीं है। वहीं आम लोगों को मास्क लगाने में शर्म आ रही है, तो जिम्मेदार एवं अनुशासित नागरिक कोरोना महामारी की भयाहता से न सिर्फ चिंतित नजर आ रहे हैं बल्कि अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, यदि शीध्र प्रशासन नहीं चेता, तो कोरोना विस्फोट की संभावना को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।