उज्जैन की डॉक्टर रीना मालपानी ने अपनी कविता के माध्यम से कोरोन फाइटर का किया सम्मान।
उज्जैन से संजय शर्मा की रिपोर्ट।
प्रतिवर्ष 01 जुलाई को डॉक्टर्स के योगदान को सम्मान देने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctors Day) मनाया जाता है। कोरोना महामारी में डॉक्टर अग्रिम पंक्ति फ्रंट लाइन योद्धा के रूप में सामने आए हैं।
कोरोना महामारी के इस भयावह समय में ईश्वर का साक्षात स्वरूप है डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, जोकि स्वयं अपने जीवन को खतरे में डालकर मृत्यु से साक्षात्कार कर रहे हैं और जनमानस को जीवनदान प्रदान कर रहे हैं।
डॉ.रीना रवि मालपानी ने अपनी लेखनी के द्वारा समस्त डॉक्टर्स के प्रति अपनी कृतज्ञता एवं हृदय से आभार प्रकट किया है कि इस विकट घड़ी में उन्होंने जनमानस के होंसले को टूटने नहीं दिया और दीवार की तरह कोरोना और हम भारतीयों के बीच खड़े हुए है:-
कोरोना रक्षक “डॉक्टर”
हार मत देना प्रभु, डॉक्टर रूपी दूत हमारे साथ है।
इम्तेहान की है घड़ी, पर तेरे प्रत्यक्ष रूप पर हमें पूर्ण विश्वास है।
स्थिति है भयावह मगर, पर डॉक्टर के ज्ञान का खजाना भी लाजवाब है।
नतमस्तक हो जाएगा इंसान भी, आज तेरे पूर्ण समर्पण का इम्तिहान है।
सफेद कोट में डॉक्टर, रंगमयी जीवन देते भगवान के अवतार है।
अनंत समस्याएँ है, पर उपलब्ध संसाधनों में सामंजस्य ही तेरी पहचान है।
दिन रात के काल चक्र में, निरन्तरता ही तेरी अद्वितीय पहचान है।
कोरोना रूपी भवर में फँसे है, पर इससे निकलने की पतवार तुम्हारे पास है।
तमाम उलझन है इस समय मन मे, पर तेरा अद्वितीय विकल्प एक मिसाल है।
संघर्षमयी इस समय मे, तू ईश की प्रत्यक्ष सौगात है।
विराम सी जिंदगी है अभी, पर तेरा श्रम अविराम है।
दुःख के अशुभ घेरे में, उत्साह की आभा तुम्हारे पास है।
शत्रु गले पड़ने आया है, पर तुम्हारा रक्षाकवच बचाने को तैयार है।
कोरोना रूपी अंधकार है सामने, पर प्रकाश रूपी तुम्हारा रूप शिरोधार्य है।
अदृश्य रूप में आया है कोरोना दानव, तेरे दृश्य रूप की जय-जयकार है।
तुम्हारे दृढ संकल्पो के साथ, जीतेंगे हम घोषित यह परिणाम है।
डॉ.रीना रवि मालपानी, उज्जैन।