सिलवानी के जंगलों में इलेक्ट्रॉनिक आरों से चल रही है कटाई।

सिलवानी के जंगलों में इलेक्ट्रॉनिक आरों से चल रही है कटाई।

सिलवानी से श्रीराम सेन की रिपोर्ट।

सिलवानी वन परीक्षेत्र पूर्व एवं पश्चिम वन परिक्षेत्र में हरे भरे सागोन के वृक्ष पर इलेक्ट्रॉनिक्स आरों का कहर देखने को मिल रहा है। पश्चिम वन परीक्षेत्र नकटी नदी से सिलवानी की ओर पुलिया के समीप दर्जनों हरे भरे वृक्षों पूर्व वन परीक्षेत्र सिंगपुरी चौकी से महज आधा किलोमीटर पर विभाग की मिली भगत से दर्जनों वृक्षों का विनाश कर दिया गया और विभाग के कर्मचारियों से लेकर अधिकारी तक वन माफियाओं से सीधी सांठगांठ करके मोटी रकम कमाने में जुटे हुए हैं। दिल खोलकर वन विभाग के अंदर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। वन विभाग सिलवानी में कुछ अधिकारी वर्षों से जमे हुए हैं इन्हीं की छत्रछाया में जंगल की हरियाली का विनाश किया जा रहा है और वन संवदा को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। उच्च स्तर के अधिकारियों की छत्रछाया सिलवानी वन परी क्षेत्र में पदस्थ अधिकारियों पर बनी हुई है। इस कारण लक्कड़ चोरों पर कार्यवाही नहीं होती और स्टाफ का ट्रांसफर नहीं होता।

Harvesting has been carried out electronically in silvani forests.

इससे सिद्ध होता है कि जंगल की विनाश लीला में बड़े स्तर के उच्च अधिकारियों के पास भी हिस्सा पहुंच रहा है क्योंकि इस बारे में भोपाल के बड़े अधिकारियों से कई बार चर्चा हो चुकी है लेकिन जांच का आश्वासन दिया जाता है इसके बाद सारे मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है।

Harvesting has been carried out electronically in silvani forests.


सिलवानी में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी चार-पांच वर्षों से जमे हुए हैं और जंगल में हरे भरे वृक्षों की बली चढ़ाई जा रही है। सागोन के वृक्षों को आए दिन भाजी मूली की तरह काटा जा रहा है और माफियाओं का कुल्हाड़ी का तांडव मचा हुआ है। विभाग के आला अधिकारी मूक दर्शक बनकर कुदरत की अनमोल छटा के विनाश का तमाशा देख रहे हैं।

Harvesting has been carried out electronically in silvani forests.

जबकि सिलवानी अवैध कटाई को लेकर विभाग के अंदर संजीदा माना जाता है लेकिन पता नहीं सरकार के नुमाइंदों और विभाग के आला अधिकारियों की कौन सी मजबूरी है कि अवैध कटाई रोक नहीं पा रहे हैं जबकि और भी अधिकारी यहां पर रहे हैं। जो हजारों मामले हजारों प्रकरण अदालत में दर्ज हुए हैं लेकिन वर्तमान में 2 साल से विभाग को दीमक खा रही है। इसका यह सबसे बड़ा उदाहरण है जबकि चार पहिया वाहन से आए दिन लकड़ी चोरी हो रही है किसी भी बेरियर पर देखा जा सकता है एक गाड़ी दो दो बार जा रही है यह बात स्थानी कर्मचारियों के कानों में हैं लेकिन उनकी कान पर जूं नहीं रेंगता है।

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