आश्रम में फर्जी तरीके से बनाए जा रहे बिल वाउचर।
सिलवानी से श्रीराम की रिपोर्ट।
एक तरफ सरकार अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन दे रही है वहीं पर सिलवानी अनुसूचित जाति उत्कृष्ट बालक छात्रावास में अधीक्षक द्वारा मनमाने तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है विभाग की उदासीनता के चलते भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है जबकि इसकी जांच के कई बार आदेश हो चुके हैं लेकिन लीपापोती कर दी गई है इधर बच्चों को डरा धमका कर रखा गया है आज तक उन्हें किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाती है।
अधीक्षक द्वारा जुलाई 2019 से आज तक सभी फर्जी वाउचर लगाए गए हैं। यह बात कोरोना काल में सामने आई है। सॉल्यूशन सेंटर बना तब ना तो कमरों में लाइट फिटिंग की थी ना ही साफ सफाई ना ही बल्ब मौजूद थे तत्कालीन SDM एलके खरे ने अधीक्षक को फटकार लगाई तभी यह बात साफ समझ में आई कि इनका बड़ा फर्जीवाड़ा अधिकारी के सामने हुआ तो अन्य कार्यों में अधीक्षक ने क्या किया होगा।
जब बच्चों से बात हुई तो उन्होंने कहा कि हमने एक बार ही चेक पर हस्ताक्षर किए हैं जबकि हमारी शिष्यावृती की बचत राशि आज दिनांक तक हमें प्राप्त नहीं हुई है।हमें वरिष्ठ कार्यालय में सुनने में आया है कि हमारी शिष्यावृती की राशि मिल चुकी है लेकिन हमें नहीं मिली तो हमारी राशि बगैर हस्ताक्षर के भुगतान कैसे दर्शाया गया है इसकी विधिवत जांच होनी चाहिए।
बच्चों ने DM रायसेन को आवेदन दिया गया है इस बात को लेकर के अधीक्षक द्वारा फोन पर धमकाया जा रहा है। तुम हस्ताक्षर कर दो हम पैसा दे देंगे नहीं तो हम उतना पैसा अधिकारी को दे देंगे और हम बच जाएंगे और तुम्हें पैसा नहीं मिलेगा। सिमरिया में राजेश नाम के लड़के को फोन पर धमकी दी। सीताराम को फोन लगाया और सीताराम ने राजेश को फोन लगाकर बताया इस तरह से बच्चों को धमकी दी जा रही है।