वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर नेता के गुंडों ने किया जानलेवा हमला।

वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पर नेता के गुंडों ने किया जानलेवा हमला।

छः ग प्रमुख ब्यूरो ईश्वर जांगडे खास रिपोर्ट।

रायपुर। कांकेर सोशल मीडिया पर कांकेर की घटना को देख, बेहद दु:ख छग के पूरे पत्रकार साथियों को हुआ, धिक्कार ऐसी खाकी को जो थाने के अंदर ही असामाजिक तत्व, जिला बदर, रेत माफिया ब्यूह रचना कर खबर को लेकर एक निहत्थे और अकेले पत्रकार के ऊपर बेरहमी के साथ मारपीट किया जाता है। गन्दी गन्दी गाली दी जाती हैं। 50 से अधिक गुंडे एक निहत्थे पत्रकार पर हमला करते हैं। जिसे सुन छग प्रदेश में पत्रकारों की शान के नाम से विख्यात कमल शुक्ला जी कांकेर थाना पहुंचते हैं और बीच बचाव की कोशिश करते हैं, जिन पर भी ये गुंडे घात लगाकर बैठे आसामाजिक तत्त्वों द्वारा श्री कमल शुक्ला जी पर भी बेरहमी के साथ हमला कर उनके शरीर को गंभीर रूप से मारपीट करते हैं। ये वही कमल शुक्ला हैं, जो विधानसभा चुनाव के पूर्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिल कांग्रेस सरकार अगर प्रदेश में आती हैं, तो 100 दिनों के अंदर पत्रकार सुरक्षा कानून और विधानसभा के पहले सत्र में भाजपा शासन काल में पत्रकारों पर द्वेषवश हुए FIR को खात्मा किए जाने की बात रखी थी। तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता काफी प्रभावित हुए और विधानसभा चुनाव के जनघोषणा पत्र में विशेष रूप से स्थान देकर वर्णन किया गया।

Assault carried out leader’s goons on senior journalist kamal shukla.

लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात हैं, कांग्रेस सरकार को 3 साल होने को हैं, पर अपने वादे भूलकर अभी भी कुम्भकर्णी नींद में सोई हुई है।

कांकेर के वरिष्ठ अधिकारी के इशारे पर हुआ हमला, रेत माफियाओं को मारपीट करने एवं थाना प्रभारी कांकेर को एक्शन न लेने किया गया था इशारा।

पत्रकार साथी और सूत्रों का मानना हैं कि वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला पिछले कुछ महीनों से रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार खबर बना रहे थे, जिसके चलते कांकेर के वरिष्ठ अधिकारी और रेत माफिया तिलमिला गए थे, जिसके कारण ही किया गया जानलेवा हमला।

Assault carried out leader’s goons on senior journalist kamal shukla.

भूपेश सरकार का वादा रहा केवल दिखावे के लिए:

पिछले 10 जून से पूरे छग में रेत परिवहन कागजो में बंद हो जाती हैं, सबको पता है पर रेत से सोना निकालने का खेल बदस्तूर जारी है, जिसे लेकर रेत माफिया द्वारा धमतरी क्षेत्र में भी तांडव मचाए हुए हैं, लात घुसे तो सामान्य बात है, जिसे लेकर पिछले विधानसभा सत्र के दौरान स्वयं छग के सीएम ने जोर-शोर से गरजते हुए कहा था। रेत माफियाओ की गुंडागर्दी बिल्कुल नहीं चलेगी लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं। कांकेर के वरिष्ठ अधिकारी के संरक्षण में अब खुलेआम खनिज संपदा का दोहन हो रहा है। जहां नियम कायदे कानून केवल दिखावे के लिए हैं।

Assault carried out leader’s goons on senior journalist kamal shukla.

पहले भी कमल शुक्ला पत्रकार सुरक्षा कानून की कर चुके हैं मांग:

शुक्ला केवल अभी नहीं विगत कई वर्षों से पत्रकार सुरक्षा की मांग कर चुके हैं, जिनके द्वारा प्रदेश भर के पत्रकार के साथ मिलकर जांजगीर, बिलासपुर, रायगढ़, बस्तर, दुर्ग, रायपुर सहित देश की राजधानी दिल्ली स्थित जंतर मंतर पर भी प्रदेश भर के पत्रकारों को लेकर जंतर मंतर पर धरना दे चुके हैं। उस समय छग में भाजपा की सरकार थी साथ ही वर्ष गुजरने के बावजूद पत्रकार सुरक्षा की मांग को लेकर वर्तमान सरकार के समय में भी अनशन कर चुके हैं। जिसे तुड़वाने और मनाने स्वयं मुख्यमंत्री के सलाहकार विनोद वर्मा और रुचिर गर्ग ये आश्वासन देकर अनशन तोड़वाया था कि जल्द ही पत्रकार सुरक्षा कानून लागू होगा और पत्रकारों के खिलाफ पूर्व सरकार के कार्यकाल के समय के FIR को खात्मा किया जाएगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ लेकिन ये दोनों की पदोन्नति लगातार जरूर हो रही है l

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