सतपुड़ा गौ अभ्यारण केंद्र में एक हज़ार से अधिक गौ वंश की निरंतर सेवा जारी।
गौ अभ्यारण केंद्र से ब्रजेश रिछारिया की रिपोर्ट।
सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केन्द्र में अनगिनत गायों को रखने की जगह योग्यता क्षमता सभी है लेकिन तत्काल में लगभग एक हजार की संख्या में गौवंश हो चुका है।शासन प्रशासन से निवेदन है कि सतपुड़ा गौ अभ्यारण केंद्र में दस गौशाओं की क्षमता के बराबर गौ वंश हो चुकी हैं।
अब युद्ध स्तर पर गऊ की उचित व्यवस्था में योगदान देकर मध्यप्रदेश में बने गौ केबीनेट की योजना को सफल करने का उद्देश्य पूरा करें। दो माह सफलता के बीत चुके हैं। यहां व्यवस्था शुन्य है। जगह भी किसी अन्य व्यक्ति की है।
शासन प्रशासन चाहे तो सरकारी भूमि पर प्रदेश सरकार की योजना को मूर्त दिया जा सकता है। आम जनता भी यही चाहती है कि भटकते लावारिस गौवंश को उचित स्थान मिले। सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केन्द्र में दो माह में समाज ने पूर्ण योगदान देकर सरकार को एक अच्छा विकल्प पेश किया है।
ऐसे समय में जबकि अपने अपनों को ही नहीं संभाल पा रहे हैं तब इन मूक प्राणियों की समूची देखभाल करने का बीड़ा हरदा जिले में टिमरनी, कपासी, टेमागांव, उसकल्ली आदि इलाकों के गौ वंश प्रेमी गौ वंश रक्षकों ने बिना किसी सरकारी मदद के अपने कांधों पर लिया है। इस परोपकारी कार्य हेतु इन जज़्बाती लोगों को कोटि कोटि साधुवाद।