केंद्र सरकार अपनी नियत को करे साफ़ किसानों के तीनों काले कानूनों को ले वापस।
वाराणसी से सन्तोष कुमार सिंह की रिपोर्ट।
वाराणसी। केन्द्र सरकार द्वारा नये नये कानूनों से व्यापारी और किसान दोनों परेशान हैं। आज पूरे देश का किसान आन्दोलन की राह पर चल चुका है। देश का अन्नदाता किसान सड़कों पर जिस काले कानूनों के खिलाफ़ आन्दोलन कर रहा है उसको सरकार को वापस लेने चाहिए। ये बातें दालमंडी स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाना में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने पत्रकारों को कहीं। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करतें हैं कि वह अपनी निती व नियत को साफ़ करें और किसानों के तीनों काले कानूनों को वापस ले।
उन्होंने कहा कि आज की परिस्थिति में व्यापारी अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। केंद्र और राज्य की सरकारें व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही हैं। जीएसटी लगने से भी व्यापार पर एक बड़ा असर पड़ा है। छोटे और मझले व्यापारी असहाय से हो गए हैं और व्यापार उनका दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है। केंद्र की नीतियों से व्यापारी भयभीत और ठगा महसूस कर रहा है। नोट बंदी से पूरे देश के व्यापारियों एवं आम जनमानस को जो नुकसान हुआ है वो अभी ठीक भी नहीं हो पाया था कि लाकडाउन ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी और छोटे व्यापारी बर्बाद हो गये और उन छोटे व्यापारियों को पुनः व्यापार संभालने के लिए भी सरकार कोई सही योजना लागू नहीं कर रही है। अनूप शुक्ला ने कहा कि नोट बंदी, जीएसटी और किसानों के इन तीनों काले कानूनों को सरकार जल्दीबाजी में लेकर आई, सरकार की नीति और नियत दोनों में खोट है, सरकार बड़े उद्योगपतियों को सहयोग कर रहीं हैं और उनका अरबों का कर्ज माफ कर उन्हें प्रोत्साहित कर रहीं हैं और वहीं छोटे व्यापारियों के कर्ज की सख्ती से वसूली व उनकों प्रताड़ित कर रहीं हैं।
इस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप शुक्ला ने सैयद मोनाजिर हुसैन मंजू को प्रतिनिधि उद्योग व्यापार मंडल का प्रदेश संगठन मंत्री मनोनीत किया। पत्रकार वार्ता में प्रमुख रूप से हाजी बदरुद्दीन अहमद, शाहनवाज़ अहमद शानू, किशन जायसवाल, सुनील शुक्ला, शाहनवाज़ खां, सुनंदा सिंह, कृतेश चतुर्वेदी, विनोद शर्मा, पियूष पांडेय, सुनील उपाध्याय, इरफ़ान खां, फैयाज अहमद मौजूद रहे।