मुख्तार अंसारी पहुंचा जेल, 16 घंटे में तय हुआ 900 किमी का सफर।
तीन बार बदला रूट, जानें किस बैरक में नया ठिकाना।
अजहर हुसैन टीपू की स्पेशल रिपोर्ट।
बांदा। पंजाब की रोपड़ जेल से निकलने के बाद करीब 900 किलोमीटर का सफर 16 घंटे में तय करते हुए मुख्तार अंसारी को कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार भोर 4.30 बजे बांदा जेल पहुंचा दिया गया। इस दौरान तीन बार उसका रूट भी चेंज किया गया। जेल आने से एक घंटे पहले पूरी रोड को बैरिकेड कर दिया गया। पुलिस का काफिला मुख्तार को लेकर बांदा की सीमा जसपुरा में भोर में 3.30 बजे दाखिल हुआ। इसके बाद पैलानी, पपरेन्दा और विश्वविद्यालय रोड से होते हुए मुख्तार को बांदा जेल में दाखिल कराया गया। काफिला पहुंचने से ठीक 10 मिनट पहले जेल गेट खोल दिया गया। मुख्तार के साथ आ रही गाड़ियों को जेल से एक किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया। जेल के अंदर केवल मुख्तार की एम्बुलेंस और पुलिस अधिकारियों की दो ही गाड़ियों को जाने दिया गया। मुख्तार को भारी सुरक्षा के साथ लेकर चल रहा काफिला करीब डेढ़ बजे के आसपास कानपुर देहात के सट्टी थाने के पास करीब 15 मिनट के लिए रोका गया। गाड़ियों के रुकते ही काफिले के साथ चल रहे मीडियाकर्मी मुख्तार की एंबुलेस की तरफ दौड़ पड़े। इसको लेकर पुलिस और मीडियाकर्मियों में धक्का-मुक्की भी हुई। करीब 15 मिनट बाद काफिला कानपुर नगर के घाटमपुर की ओर निकला और वहां से हमीरपुर। यहां से काफिले ने पैलानी थाना क्रास किया। इसके बाद आखिरी थाना देहात कोतवाली और 8 किलोमीटर बाद सीधे बांदा जेल पहुंच गया।
भरुआ सुमेरपुर से पैलानी के रास्ते पहुंचा काफिला।
हमीरपुर पहुंचने से पहले मुख्तार को ले जा रहे पुलिस के काफिले को लेकर काफी पसोपेश रहा। क्योंकि यहां से पुलिस अपना रूट बदल भी सकती थी। यहां से एक रूट मौदाहा होते हुए भी जाता है। हालांकि 03:10 बजे काफिले की गाड़ियों ने भरुआ सुमेरपुर होते हुए पैलानी का रुख कर लिया था। पुलिस का काफिला 03:50 बजे बांदा की सीमा में प्रवेश कर गया। ठीक चार बजे यह पैलानी पार कर गया। बांदा की सीमा में आते ही जेल के आसपास पुलिस प्रशासन और भी मुस्तैद हो गया। जैसे-जैसे काफिला बांदा की तरफ बढ़ा वैसे-वैसे बांदा जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ती जा रही थी। जेल के बाहर का रास्ता रस्सा लगाकर बैरीकेट कर दिया गया था। जेल परिसर का क्षेत्र काफी खुला है। जेल के गेट नंबर 2 तक मात्र तीन गाड़ियां अंदर भेजी गईं। इसमें दो पुलिस के वाहन और मुख्तार की एंबुलेंस रही। मुख्तार को जेल के 5 गेट और 7 कैमरों की नजर से गुजारते हुए अपनी बैरक नंबर 15 में पहुंचाया गया।
चेकअप करने के लिए जेल पहुंची चार डॉक्टरों की टीम।
मुख्तार अंसारी के बांदा जेल पहुंचने से पहले ही सुरक्षा-व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई। जेल के बाहर भी जवान मुस्तैद कर दिये गए। जेल में मुख्तार की सुरक्षा के साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखने का भी पूरा इंतजाम किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के अनुसार मुख्तार का मेडिकल चेकअप करने के लिए चार डॉक्टरों की टीम जेल पहुंच गई।
अजहर हुसैन टीपू की स्पेशल रिपोर्ट।