जयहिंद सेवा समिति के फरिश्तों ने बेसहारा को परदेश में दिया सहारा।

जयहिंद सेवा समिति के फरिश्तों ने बेसहारा को परदेश में दिया सहारा।

सोनकच्छ से सफात कुरैशी की रिपोर्ट।

मानव सेवा ही सब से बड़ी सेवा का संकल्प लेकर जयहिन्द सेवा समिति ने एक बार फिर मानवता की बड़ी मिसाल कायम की।

In Sonkutch, the angels of Jaihind Seva Samiti gave support to the destitute.

गरीब मजदूर पति पत्नी सूरत गुजरात से बनारस उत्तरप्रदेश अपने घर बस से जा रहे थे। बस सोनकच्छ के पप्पू ढाबे पर रुकी थी तभी पति को अटैक आ गया और बस में ही उसकी मृत्यु हो गई। बस वालों ने मृतक के शव को ले जाने से मना कर दिया। पति की मौत की खबर सुन कर पत्नी का रो रो कर बुरा हाल हो गया। अनजान जगह पर उस का कोई अपना नहीं था।

In Sonkutch, the angels of Jaihind Seva Samiti gave support to the destitute.

अपने पति मनोज विश्वकर्मा के शव को सोनकच्छ से एक हजार किलोमीटर दूर बनारस तक ले जाने के लिए पत्नी जानकी विश्वकर्मा के पास पर्यात रुपये भी नहीं थे। जिसके बाद मृतक मनोज विश्वकर्मा की पत्नी को जयहिन्द सेवा समिति सदस्यों सफात क़ुरैशी, कुलदीप जाजू, बंटू दरबार, मनीष माहेश्वरी अपनी बहन मानते हुए शव को बनारस तक भेजने की ज़िम्मेदारी उठाई। पप्पू ढाबे के मालिक पवनदीप सिंह सबरवाल राजू सेठ और अन्य लोगों की मदद से वाहन की व्यवस्था की गई और शव बनारस भेजा गया।

In Sonkutch, the angels of Jaihind Seva Samiti gave support to the destitute.

सोनकच्छ से सफात कुरैशी की रिपोर्ट।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *