हारिये न हिम्मत, बिसारिये न राम को- राजेश्री महन्त जी।
मानसिक अवसाद से बचाएं अपने आप को।
यदि समाज के पढ़े -लिखे, शिक्षित लोग कुंठा ग्रस्त होंगे तब इसका विपरीत प्रभाव सामान्य जनजीवन पर होगा।
कोरोना के कोई पंख पखेरू नहीं हैं जो उड़ कर एक स्थान से दूसरे स्थान को चले जाएंगे।
यदि अत्यधिक मानसिक परेशानी हो और कुछ न सूझ रहा हो तब ईश्वर को याद कर लेना।
शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।
शिवरीनारायण। मानसिक अवसाद अपने आप में एक बीमारी है डॉक्टर लोग इसे ही डिप्रेशन मानते हैं। मनुष्य को विपरीत से विपरीत परिस्थिति में अपने आत्मबल को बनाए रखना चाहिए यह बातें श्री दूधाधारी एवं श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग ने अभिव्यक्त की।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण के चलते पूरे भारतवर्ष में ही नहीं अपितु विश्व में भय व्याप्त है, इससे अनेक लोग मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात तो यह है कि समाज के उच्चतम् स्तर पर जीवन यापन करने वाले शिक्षित एवं संभ्रांत लोग भी इससे ग्रसित हो रहे हैं। उत्तरप्रदेश के नोएडा से एक डॉक्टर दंपत्ति को कोरोना वायरस पॉजिटिव आने पर महिला डॉक्टर ने तीसरी मंजिल से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी। देवास मध्यप्रदेश में एक परिवार के चार लोगों की मृत्यु हो जाने के पश्चात बहू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह सब चिंता का विषय है, संपूर्ण समाज जिन डॉक्टरों की ओर अपने प्राणों की रक्षा के लिए आस बनाए हुए देख रहा है यदि वे लोग ही इस तरह के दु:खद कदम उठाएंगे तब इसका विपरीत प्रभाव आम जनजीवन पर होगा। ध्यान रहे कोरोना ग्रसित लोगों में मरने वालों की संख्या रिकवर होने वालों से बहुत कम है। संक्रमित लोगों में से केवल 2% लोग ही कॉल कलवित हो रहे हैं। वे सब भी केवल कोरोना वायरस से ही अपनी जान नहीं गवा रहे हैं बल्कि कुछ लोग अन्य बीमारियों से पहले से ही ग्रसित हैं। जिसके कारण उन्हें मौत का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कोई दो मत की बात नहीं है कि इससे कई परिवार पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कुछ परिवारों में एक-दो लोग ही बचे हैं, किंतु इसके पश्चात भी हमें अपने आप को कुंठा ग्रस्त होने से बचाना होगा! ध्यान रहे जब आपके ऊपर इस तरह की कोई विपरीत परिस्थितियां आ जाए। जब आपको कुछ भी न सूझ रहा हो, तब ईश्वर को याद कर लेना आप जिसे मानते हैं। जिस धर्म के आप मानने वाले हैं, अपने इष्ट देव को याद कर लेना। आपको निश्चित रूप से मानसिक शांति मिलेगी। आपकी समस्याओं का समाधान भी निकलेगा। कहा भी गया है कि- “हारिये न हिम्मत, विसारिये न राम को।।” ध्यान रहे कोरोना के कोई पंख नहीं हैं जो हवा में उड़ कर हम तक पहुंच जाएंगे। उसे भी एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने के लिए संवाहक की आवश्यकता पड़ती है, मनुष्य ही उसका संवाहक है। इसी बात को ध्यान में रखकर शासन प्रशासन ने लॉकडाउन लगाया हुआ है। जिसका पालन हम सभी को करनी चाहिए। यह वायरस किसी अन्य जीव-जंतुओं से नहीं फैलता इसलिए भीड़ वाले स्थानों में जाने से बचें, निरंतर हाथ धोए, मास्क लगाएं राज्य एवं केंद्र सरकार के द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन करें। स्वयं सुरक्षित रहें और समाज को भी सुरक्षित रखने में अपना योगदान समर्पित करें। इससे भी बड़े-बड़े महामारी का सामना इस देश ने किया है, यह संकट का समय भी चला जाएगा इस बात पर विश्वास रखें।
शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।