दंतेवाड़ा में डीआरजी जवानों ने ग्रामीणों की मदद से नक्सली स्मारक किया।

दंतेवाड़ा में डीआरजी जवानों ने ग्रामीणों की मदद से नक्सली स्मारक किया ध्वस्त।

छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग व्यूरो अनिकेत शिवहरे की विशेष रिपोर्ट।

दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बुरगुम में डीआरजी जवानों ने ग्रामीणों की मदद से महिला नक्सली और पुरुष नक्सली का स्मारक ध्वस्त किया।

दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे ‘नक्सल उन्मूलन अभियान’ के तहत डीआरजी जवानों को लगातर सफलता मिल रही है। दंतेवाड़ा में लॉकडाउन के दौरान भी पुलिस सर्चिंग अभियान चला रही है। इसी कड़ी में जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में डीआरजी जवानों ने ग्रामीणों की मदद से 8 लाख की इनामी महिला नक्सली और पुरुष नक्सली का स्मारक ध्वस्त किया।

Development taking place in Naxalite affected areas.

पुलिस अधीक्षक श्री अभिषेक पल्लव ने बताया कि पुलिस के जवानों ने नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों में ग्रामीण जनता का विश्वास जीता है। जिसका नतीजा है कि आज ग्रामीण खुद पुलिस प्रशासन की मदद कर रहे हैं। अंदरूनी क्षेत्र के गांवों में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे सिविल एक्शन प्रोग्राम में हम लगातार लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया इस दौरान हमने ग्रामीणों को दैनिक उपयोग में आने वाले सामानों का भी वितरण किया है साथ ही साथ गांव-गांव में सिविल क्वेश्चन प्रोग्राम के तहत मेडिकल कैंप लगाकर लोगों की सेवा से ग्रामीणों का भरोसा जीतने में आसानी हो रही है।

Both the Naxalites were killed in the encounter.

बिना डरे ग्रामीण कर रहे पुलिस की मदद।

सिविल एक्शन प्रोग्राम का परिणाम है कि आज ग्रामीण बिना डरे खुलकर आगे आ रहे हैं। ग्रामीण अब गांव में भय का माहौल नहीं रहने देना चाहते इसलिए ग्रामीण खुद नक्सलियों द्वारा शहीद स्मारक को पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर ध्वस्त कर रहे हैं।

Helping the police without fearing the villagers.

एनकाउंटर में मारे गए थे दोनों नक्सली।

डीआरजी के जवानों ने ग्रामीणों की मदद से जिस महिला नक्सली का स्मारक ध्वस्त किया है वो बुरगुम एनकाउंटर में मारी गई थी। महिला नक्सली के साथ ही पुरूष नक्सली अनिल विज्जे बुरखापाल एनकाउंटर में मारा गया था। जिसकी याद में नक्सलियों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र बुरगुम में नक्सली शहीद स्मारक बनाया था।

Helping the police without fearing the villagers.

नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों में हो रहा विकास।

शासन प्रशासन की मदद से नक्सल प्रभावित अंदरूनी क्षेत्रों के गांवों में पुल पुलिया, सड़क, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र जैसी मूलभूत सुविधाएं भी दी जा रही हैं। जिसका परिणाम है कि आज नक्सलियों का दामन छोड़ बहुत से नक्सली लीडर ने ‘लोन वर्राटु’ अभियान के तहत आत्मसमर्पण किया है। मुख्य धारा से जुड़कर समर्पित नक्सली अब उन्हीं गांवों का विकास कर रहे हैं, जिन गांवों में कभी हिंसा किया करते थे। जिसका परिणाम है कि आज नक्सली स्मारक ध्वस्त कर दिया गया।

Helping the police without fearing the villagers.

छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग व्यूरो अनिकेत शिवहरे की विशेष रिपोर्ट।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *