गौ अभ्यारण्य एक संकल्पना सपना होगा साकार।
पालक मंत्री कमल पटेल ने ग्रामसभा कर लिया ऐतिहासिक निर्णय।
गौ अभ्यारण केन्द्र से बृजेश रिछारिया की रिपोर्ट।
टिमरनी। हरदा जिले में गौ माताओं को सड़कों पर बैठने खड़े रहने के कारण बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ती थी। जनता को भी सड़क पर से निकलने में काफी परेशानियां होती थी। जिसे देखते हुए जिले के पालक मंत्री मध्यप्रदेश शासन में कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर संकल्प लिया था कि जनता के सहयोग से हरदा जिले में रोड़ पर गाय को नहीं रहने देंगे। उनके लिए गौ अभ्यारण्य, गौशाला बनाएंगे। जनता और सरकार के सहयोग से यह सब किया जाएगा।
उसके बाद आपने वैदिक विद्यापीठ के प्रमुख सभी के मार्गदर्शक वरिष्ठ प्रचारक श्री निरंजन शर्मा, संघ परिवार सहित जिले के वह गौ सेवक जो हमेशा गौ माताओं की चिंता करते हैं, उनके साथ बैठक पश्चात यह निर्णय लिया गया था कि गांव गांव से रोड़ पर बैठी दिखी गौ माताओं को तिलक करके एक निश्चित स्थान पर घेरकर लेकर जाना है और वहां छोड़ना है जहां गांव के लोग और आसपास क्षेत्र के गौ सेवक लोग इन गौ माताओं की सुरक्षा करेंगे उनको पालेंगे।
ऐसा ही स्थान नेशनल हाईवे 59 ए पर टेमागांव उसकल्ली कपासी फुटान पर 8 माह पहले सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य नाम से प्रारंभ किया गया। जहां पर 332 गांव से घेर घेर के जो रोड़ पर जो गौ माताएं घूम रही थी लगभग 2000 गाय यहां लाई गई। उसके बाद जनता के सहयोग से मां नर्मदा के आशीर्वाद से आपका यह संकल्प पूरा हुआ।
8 माह बाद सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य पर सेवा देने वाले कार्यकर्ताओं की परीक्षा की घड़ी समाप्त हुई और 19 मई 2021 को प्रदेश के कृषि मंत्री जिले के पालक मंत्री श्री कमल पटेल ने सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केंद्र का दौरा किया और गौ माताओं के हितार्थ उन्होंने कलेक्टर श्री संजय गुप्ता, जिला पंचायत सीईओ श्री आरके शर्मा, एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ, डीएफओ, पंचायत सचिव, फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों को बुलाकर मीटिंग बुलाई। ग्राम के लोगों को भी बुलाया।
ग्राम सभा में सभी ने मिलकर तय किया कि यह जो जमीन है इसमें फॉरेस्ट को कोई नुकसान नहीं है क्योंकि पेड़ बड़े हो गए हैं और इसलिए गौमाता यहां रहेंगी, उनका पालन होगा। यह जमीन सामुदायिक पट्टे जैसे भारत सरकार द्वारा वन अधिकार पट्टे नियम बनाए हैं उसके तहत यह जमीन गौ अभ्यारण्य के लिए उपयुक्त रहेगी।
गौ माता के आशीर्वाद से इसी दौरान ग्रामीण विकास मंत्री का भी फोन पालक मंत्री श्री कमल पटेल के पास आ गया। आपने उनसे गौ माता हितार्थ सब कुछ बताया तो उन्होंने कहा कि बाउंड्री वाल और गौ माता, गौशाला शैड के लिए जितनी राशि चाहिए आप प्रस्ताव भिजवा दीजिए वह स्वीकृत कर देंगे। पालक मंत्री ने उनकी बात कलेक्टर और जिला सीईओ से भी करा दी। इसके बाद मप्र शासन में कृषि मंत्री श्री कमल पटेल ने कलेक्टर सीईओ डीएफओ को निर्देशित कर दिया कि जल्द से जल्द नियमानुसार यहां गौ माताओं हितार्थ शैड सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें।
आपने कहा कि यह मध्य प्रदेश ही नहीं देश में एक जन सहयोग से सरकार के सम्मिलित से एक बहुत अच्छा गौ अभ्यारण्य हरदा जिले में शुरू हो गया है और गौ माता की रक्षा हो जाएगी, गौ माताएं पल जाएंगी तो इससे अधिक मात्रा में यहां गोमूत्र से दवाइयां, जैविक खाद उपलब्ध हो सकेगा और आज रासायनिक खाद दवाई के उपयोग होने के कारण जो मिट्टी जहरीली हो रही है वह बचेगी और हमारे किसानों को खेती में लागत भी कम लगेगी।
गौ माता की रक्षा भी होगी, खेती भी जैविक होगी और गौ आधारित खेती के साथ गौ आधारित उद्योग और खेती आधारित उद्योग से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का संकल्प लोगों को आत्मनिर्भर बनाना भी पूर्ण होगा। जिससे गौमाता में 33 करोड़ देवी देवता का वास होता है वह सिद्ध होगा। मंत्री श्री कमल पटेल ने धरती माता के हित में देश हित में समाज हित में गौमाता के हित में 10 मिनट में निर्णय लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया कि सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य स्थल पर ही गौ माताओं हेतु पूर्ण व्यवस्था की जावे जिसके लिए प्रशासन को निर्देशित कर दिया और 24 घंटे के अंदर पूरी प्रक्रिया होकर काम भी शुरू हो जाएगा ताकि गौ माता का जो खुले में भुसा रखा है वह शैड में आ जाएगा और गौ माता जो खुले में बारिश में 4 माह रहती उनकी भी सुरक्षा हो जाएगी। उनके लिए भी शैड बन जाएंगे और इनकी भी रक्षा होगी। बाउंड्री वाल हो जाएगी और यहां जब गौ माता रहेगी तो लोगों का आना जाना रहेगा तो लकड़ी चोरी भी नहीं होगी, कटेगी भी नहीं और इसका भी पालन होगा।
मंत्री श्री कमल पटेल के ऐतिहासिक निर्णय से यह पूरी जमीन सामुदायिक उपयोग के लिए गौ माता के लिए, गौ अभ्यारण्य के लिए हो जाएगी और मंत्री जी के प्रयास से केन्द्र सरकार की चारागाह विकास योजना भी यहां लागू होकर, 10 – 10 एकड़ जमीन पर लगभग 15 से 20 बड़े जालीदार घेरे बनेंगे। जिनके अंदर ही गौ माताओं के चरने, विचरण करने, पानी पीने के पात्र, आराम शेड अन्य आदि की उत्तम व्यवस्था होगी। एक चिकित्सालय के साथ चिकित्सक व स्टाफ भी मौजूद रहेगा।फिलहाल प्रशासन की देखरेख में 2 पंचायतें कपासी और टेमागांव के सामुदायिक भवन बनाने का कार्य प्रारंभ होगा। जिससे गौमाता बारिश में भी आराम से खड़ी हो सकेंगी बैठ सकेंगी।
साथ ही जनपद पंचायत टिमरनी की लगभग 12 ग्राम पंचायत का एक समूह बनाकर गौ अभ्यारण्य एक संकल्पना को साकार रूप दिया जाना निश्चित ही है। जिसकी मानिटिरिंग प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में जनपद के पंचायत इंस्पेक्टर करेंगे। वर्तमान में जिले के लगभग 50 ग्रामों में 1 हजार टेंक भुसा गौग्रास किसानों और ग्रामीणों द्वारा इकट्ठा किया गया है जिसे परिवहन कर सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य तक लाने की चिंता भी जिला प्रशासन द्वारा की गई।
गौ अभ्यारण केन्द्र से बृजेश रिछारिया की रिपोर्ट।