सूरजपुर
शासकीय उचित मूल्य दुकान में भेडिया दशान में प्राप्त कर रहे राशन सामाग्री।
धारा 144 का नहीं हो रहा है पालन कानून को मजाक बना कर चल रहे हैं लोग।
सूरजपुर जिले के चांदनी क्षेत्र बिहारपुर की ग्राम पंचायत अवंतिकापुर में शासकीय उचित मूल्य में शिवम स्वसहायता समूह के संचालक चन्द्रिका जायसवाल के द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जा रहा है।
शासन की महत्वाकांक्षी खाद्यान्न योजना के अंतर्गत चावल नमक शक्कर का वितरण किया जाना है जो वितरण हो भी रहा है।
खास बात यह है कि पूरे भारत में कर्फू के साथ धारा 144 लागू है। अभी सम्पूर्ण देश पूरा राज्य के साथ सभी गाँव के लोग महामारी से जंग की लड़ाई लड़ रहा है। इसी को देखते हुए शासन के द्वारा 144 की धारा लागू हुआ है।
लागू होने के बाद भी इस शासकीय उचित मूल्य दुकान में कानून को दरकिनार क्यों किया गया है ऐसे कई प्रश्नन उठता है। क्या यह धारा सिर्फ शहर के लोगों को ही पालन करने के लिए ही रहता है। क्या इस शासकीय उचित मूल्य दुकान के संचालक को भतिभांति इसका पता नहीं है ऐसा केसै हो सकता है।
छत्तीसगढ़ की सरकार के द्वारा कहा गया था कि शासकीय उचित मूल्य दुकान में भीड़ न लगे इसके लिए संचालक टोकन के माध्यम से हितग्राहीयों को टोकन जारी कर राशन सामाग्री वितरण किया जावे। लेकिन कौन मानता है ऐसी बात करते हैं सब अपनी मनमानी से कानून बन जाता है।
जब इसके बारे में इनके नकारात्मक विचारों से पहले ही जानकारी है तो ग्रामीण अंचल के लोगों में फिर कैसै समझदारी आ सकती है। अगर संचालक के द्वारा यह बताया गया होता की तुम लोगों को एक एक मीटर से अधिक की दूरी बनाकर खड़ा होना है। या तो एक एक मीटर की दूरी पर चूना से गोला बनाकर चिंहांकित किया गया होता तो सभी हितग्राही उस दायरे में रहकर राशन सामाग्री प्राप्त करते।
कार्ड धारियों को इस महामारी के बारे में जानकारी न रहे ऐसा कैसे हो सकता है। यह देश की जनता को पता है इस महामारी को हराने के लिए हमें घर से बाहर नहीं निकलना है।
वैसै आजकल अधिक जानकारी व्हाटसप एवं समाचार के माध्यम से पता चल रही है तथा अपने हाथों को साबुन से बार बार हाथ को धोना चाहिए ये सब कुछ पता होने के बावजूद भी सब ग्रूप में इकठ्ठा होकर राशन सामाग्री क्यों ले रहे हैं।
संचालक के द्वारा समझाइस नहीं दिया गया है देने के बाद वह हितग्राही लेकिन इस विपदा की घड़ी में सबको एक जिम्मेदार एवं एक समझदार व्यक्ति का परिचय देते हुए साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ना है। न कि फैलाएं यह दायित्व नहीं बनता है।
खाद्य अधिकारी ओड़गी पटेल साहब के पास फोन के माध्यम से संपर्क किया गया लेकिन उनका नेटवर्क से बाहर होने के बाद संपर्क नहीं हो पाया।
अनुविभागिय अधिकारी भैयाथान प्रकाश सिंह राजपूत से फोन पर बातचीत हुआ मामला को जब उनको बताया गया तो उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं होना चाहिए अगर सही है तो मैं संचालक से बात कर रहां हूं अगर सही है तो कार्यवाही अवश्य होगी।
ब्यूरो रिपोर्ट रिपोर्टिंग जगन्नाथ सोनी।