बाँदा में बालू माफिया का राज, खपटिहा कला 100/3 खदान में नदी की जलधारा बांधी।
निकाले जा रहे बालू भरे ओवरलोड ट्रक, देखिए बाबा जी इधर भी।
सूत्रों का दावा है कि जिले के एक पत्रकार ने खपटिहा कला 100/3 के खदान संचालक को मीडिया ठेका लेकर दिया बड़ा सहारा।
खबर चलाने पर बनाता है पत्रकारों के ऊपर दबाव।
बाँदा से दिनेश सिंह की रिपोर्ट।
बाँदा। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री जी इधर भी देखिए जरा क्या स्थिति है। एक तरफ जहां जल संकट से गांव के बाशिंदे बैलगाड़ी से मिलों दूर से पानी लाने ले जाने का काम कर रहे हैं तो वहीं खपटिहा कला 100/3 के खदान संचालक द्वारा केन की नदियों की जलधारा रोककर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
बांदा प्रशासन जहां कोरोना की रोकथाम में व्यस्त है वहीं खनिज अधिकारी बांदा भी सब कुछ जान कर भी अंजान बने हुए हैं। उल्लेखनीय है कि लूट जाओ राजा मजा आ रहा है। रामराज की सरकार है खनिज अधिकारी का क्या जा रहा है। खनिज अधिकारी दफ्तर में बैठकर चैन की बंसी बजा रहा है तो बांदा प्रशासन कोरोना की रोकथाम हेतु सतर्कता बरतने की जनता से अपील किए जा रहा है। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व बांदा दौरे पर आए यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने जहां मेडिकल कॉलेज कोवीड कमांड सेंटर और स्वास्थ्य महकमे को चाक चौबंद पाया वहीं जिले की ज्यादातर खदानेंट यथा खपटिहा कला 100/3 में नदी की जलधारा रोककर ट्रक की निकासी की जा रही है। एनजीटी के नियम विरुद्ध बालू खदानों में जमकर अवैध खनन किया जा रहा है। सूत्र बतलाते हैं की जब जिले पर बैठे एक पत्रकार ने खपटिहा कला खण्ड संख्या 100/3 बालू खदान का मीडिया मैनेज करने का ठेका ले रखा तब आप समझ सकते हैं कि बांदा में अवैध खनन की गहराई कैसे कम हो सकती है। फिलहाल मिली जानकारी में बताया गया कि यह खदान पर हर दिन 200 से 300 सौ ट्रक का परिवहन हो रहा है। यह बालू खदान में एनजीटी के नियम विरुद्ध अवैध खनन सहित ओवर लोड ट्रकों का साम्राज्य माना गया है। ओवरलोड ट्रकों का परिवहन जोरों शोरों से चल रहा। अब सवाल यहां यह उठता है कि बालू माफिया एक नदी की अविरल धारा को रोककर अवैध खनन कैसे कर सकते हैं। सवाल ये भी उठता है कि बालू माफिया एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की धज्जियां कैसे उड़ा सकते हैं। सवाल यह भी उठता है कि बालू माफिया खनिज एक्ट 1963 और धारा 41ज की अवहेलना कैसे कर सकते हैं। अब साहब को सुप्रीम कोर्ट अधिनियम की बातें कौन बतलाएगा। जब इस माफिया गिरी में बांदा के एक पत्रकार समेत पूरा सिस्टम संलिप्त है तो वहीं माननीयों की हिस्सेदारी तो पर्दे के पीछे से शामिल है।देखने वाली बात यह होगी कि खंड संख्या 100/3 बालू खदान पर जिला प्रशासन और खनिज विभाग ताबड़तोड़ कार्यवाही कब करता है। अगर नहीं करता है तो क्यों नहीं करता। जब महुटा खदान और जौहरपुर बालू खदान खंड संख्या 4,5 पथरी कनवारा खंड 4 पर ताबड़तोड़ तरीके से कार्यवाही हो सकती है तो 100/3 में नदी की जलधारा रोककर ट्रक निकाले जा रहे हैं। इस बालू खदान पर भी कार्यवाही कब तक होती है देखिये साहब जी कब नजर डालेंगे।
बाँदा से दिनेश सिंह की रिपोर्ट।