कल होंगे जिला मुंगेली के समस्त कार्यालय बंद।
03 सितम्बर प्रांतव्यापी आंदोलन कलम रख मशाल उठा।
मुंगेली छग से पीताम्बर खांडे की रिपोर्ट।
ब्लाक एवं जिला मुख्यालय मुंगेली धराना स्थल कलेक्ट्रेड गेट के सामने मुख्य मार्ग, समय सुबह 11ः00 बजे से
नियमितिकरण, वेतन वृद्वि महंगाई भत्ता सहित 14 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेश सहित सभी विभागों के नियमित एवं अनियमित कर्मचारी हड़ताल करेंगे। श्रीकांत लास्कर प्रांतीय सचिव एवं जिलाध्यक्ष मुंगेली ने बताया कि फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा, संभागीय संयोजक बी.पी. सोनी एवं जिला संयोजक डा. आई पी यादव उपसंयोजक अवधेश शुक्ला, संतोष मिश्रा कामता साहू जिला मुंगेली के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से अपील की है। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के द्वारा समर्थन देते हुए जिला मुंगेली उपाध्यक्ष ताकेश्वर साहू, कोषाध्यक्ष मनीष तम्बोली, ब्लाक मुंगेली अजय क्षत्रीय, लोरमी नितीन चंद्राकर, पथरिया अयोध्या साहू एवं श्रीमती प्रिया यादव ने समस्त अनियमति कर्मचारियों से सतत सम्पर्क कर कार्यालय प्रमुख को आवेदन देकर अवकाश लेते हुए कहा कि प्रदेश हित में करेंगे काम, काम का लेंगे पूरा दाम। वर्तमान सरकार की जन घोषणा में शामिल शासकीय कर्मचारियों को सम्मान, समस्त तृतीय चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं चार स्तरीय वेतनमान लागू किया जाएगा। अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन कर्मियों को रिक्त पदों में नियमितिकरण की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी की भी छटनी नहीं कि जाएगी।
पौने तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार कर्मचारियों को किये गये वादे को भूल रही है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर शासन के विरोध में सभी संगठनों के साथ एक साथ मैदान में खड़े होकर 03 सितम्बर 2021 को कलम रख-मशाल उठा, पांचवें चरण का आंदोलन करने जा रही है। वहीं विभिन्न विभागों के नियमित कर्मचारियो के साथ-साथ अनियमित संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी, प्लेसमेंट, मानदेय एवं अशकालीन कर्मचारी, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनयिमित कर्मचारी महासंघ भी फेडरेशन के साथ कंधे से कंधे मिलाकर मांग में शामिल है। प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कार्यालीयन एवं मैदानी क्षेत्र मे कार्यरत समस्त अधिकारी, कर्मचारी शामिल हैं।
14 सूत्रीय मांग लिपिक संवर्ग के वितेन विसंगति का निराकरण साथ ही शिक्षक एवं स्वास्थ्य संवर्ग सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति निराकृत किया जावे। प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को जुलाई 2019 का पांच प्रतिशत एवं जनवरी 2020 का चार प्रतिशत कुल 09 प्रतिशत महगांई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जावें। छत्तीसगढ़ वेतन पुनिरीक्षण नियम 2017 का बकाया ऐरियस चार किश्तों का भुगतान हेतु आदेश जारी किया जावे। सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति क्रमोन्नति समयमान एवं तृतीय समयमान वेतन का लाभ समय-सीमा में प्रदान किया जावे।सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतन स्वीकृति आदेश जारी किया जावे।शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश के तर्ज पर 50 लाख अनुग्रह राशि स्वीकृति आदेश जारी किया जाए। कोरोना ड्यूटी में लगाये गये शासकीय सेवकों को कोरोना भत्ता दिया जाये। समस्त अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए और सेवा से पृथक अनियमित कर्मचारियों को सेवा में बहाल किया जावें तथा किसी की भी छटनी न की जावे। जन घोषणापत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नति वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाए साथ ही घोषणापत्र में उल्लेखित अन्य मांगों को पूरा किया जावे। छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूल वेतन के आधार पर 10% प्रतिशत गृह भत्ता सहित अन्य समस्त भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जावे। राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किया जावे। तृतीय क्षेणी के पदों पर 10 प्रतिशत के बंधन को मुक्त करते हुए समय-सीमा के भीतर अनुक्ंपा नियुक्ति के समस्त लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जावे। कार्यभारित, आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों सामान वेतन भत्ते एवं पेंशन का लाभ दिया जावे। प्रदेश के पटवारियों को पदोन्नति एवं लेपटाॅप के साथ उनके कार्यालयों में कम्प्यूटर की समस्त सुविधा दी जावे। पेंशनरों को त्वरित पेंशन भुगतान हेतु 20 वर्षो से लंबित राज्य पुर्नगठन अधिनियम की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच बटवारा तत्काल किया जाए, साथ ही सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेंसिंग से भारतीय स्टेट बैंक गोंविदपुर भोपाल से पृथककर रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थापित कर छत्तीसगढ़ के प्रकरणों का निपटारा किया जावे।
जिलाध्यक्ष श्रीकांत ने बताया कि छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़िया सरकार वर्तमान में अनियमित कर्मचारियों की मांगों को अनसुना कर रही है। जबकि विधानसभा चुनाव 2018 के दौरान अनियमित कर्मचारियों के संघर्ष के समय उनके मंचो में वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्रीएविभिन्न कैबिनेट मंत्रीए विभिन्न विधायक तथा अनेको जन प्रतिनिधियों ने जा जाकर 10 दिनों में नियमितीकरण का वायदा किया था और सभी अनियमित कर्मचारियों को नियमित करनेए छटनी नही किये जाने एवं आउटसोर्सिंग बन्द किये जाने के मुद्दे को जन घोषणा पत्र में सम्मिलित किया गया था। मुख्यमंत्री की घोषणा उपरांत सचिव वाणिज्य एवं उद्योग की अध्यक्षता में समिति के गठन होने के उपरांत भी आज तक कर्मचारी हितों में किसी प्रकार की नीति निर्देश जारी नहीं किया गया है। जबकि मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में कर्मचारी हितों में संविदा नियम एवं अन्य नियमों को संशोधन करते हुए नवीन नीति निर्देश जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में अभी भी पुराने ढर्रे पर का चल रहा है। जिससे कर्मचारियों के वेतन वृद्धि मात्र 20% बढ़ता है उसे भी 2 वर्ष पूर्व घटाकर 12% कर दिया गया है जिससे कर्मचारियों में वेतन असमानता और कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जुलाई 2021 में वेतन वृद्धि किया जाना था लेकिन वित्त विभाग या सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की वेतन वृद्धि के संबंध में आदेश जारी नहीं किया गया है। हमारी मांग है कि पूर्व में जो वेतन के 8% हटाए गए थे उन्हें पुनः दिया जावे और वर्तमान में वेतन वृद्धि 30% के अनुसार किया जावे।
जिला चीफ ब्यूरो पीताम्बर खांडे की रिपोर्ट।