भारत सरकार ने प्रोपेगेंडा फैलाने वाले ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ न्यूज के सोशल मीडिया एकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया

नई दिल्ली
भारत ने पाकिस्तान की मदद करने वाले चीन के खिलाफ पहला बड़ा एक्शन लिया है। भारत सरकार ने प्रोपेगेंडा फैलाने वाले ग्लोबल टाइम्स और शिन्हुआ न्यूज के सोशल मीडिया एकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र शिन्हुआ न्यूज को भी भारत ने ब्लॉक कर दिया है। चीन सिन्हुआ न्यूज कई सालों से भारत के खिलाफ गलत सूचना, फर्जी खबरें और दुष्प्रचार फैलाने में लगा हुआ था। ग्लोबल टाइम्स के बाद शिन्हुआ को भी ब्लॉक कर दिया गया है। ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान ग्लोबल टाइम्स पूरी बेशर्मी के साथ झूठ फैलाने में लगा था और बीजिंग में भारत के राजदूत ने इसके लिए चीनी मीडिया ऑउटलेट को फटकार भी लगाई थी।

ग्लोबल टाइम्स बार बार ये नैरेटिव फैलाने की कोशिश कर रहा था कि भारत बिना किसी उकसावे के पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई कर रहा था। इसके अलावा वो भारत के ऑपरेशन सिंदूर को 'एकतरफा कार्रवाई' बताने की कोशिश भी कर रहा था। दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार हो रहा है जब यह कार्रवाई की गई है। इसके अलावा देखा जा रहा था कि वो जताने की कोशिश कर रहा था कि भारत एक लंबी युद्ध में नहीं ठहर सकता है और इस बात को आधार बनाकर वो निवेशकों को भड़काने की कोशिश कर रहा था।

ग्लोबल टाइम्स, शिन्हुआ न्यूज के एक्स अकाउंट बैन
प्रोपेगेंडा फैलाते हुए चीनी मीडिया में पुराने युद्ध के वीडियो एडिट करके लगाए जा रहे थे। ग्लोबल टाइम्स, पाकिस्तान की सेना के हवाले से तमाम फर्जी खबरें चला रहा था। वो भारतीय हथियारों को लेकर भ्रामक जानकारियां फैला रहा था। चीन में भारतीय दूतावास ने तो ग्लोबल टाइम्स को फर्जी खबरें चलाने के लिए फटकार तक लगाई थी। चीन के साथ साथ तुर्की की मीडिया में लिखा जा रहा था कि "पाकिस्तान के JF-17 थंडर की हाइपरसोनिक मिसाइलों ने आदमपुर में भारत के S-400 सिस्टम को नष्ट कर दिया है। एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की कीमत करीब 1.5 बिलियन डॉलर है।" भारतीय सेना ने जब इन दावों का खंडन कर दिया, फिर भी खबरों को अपडेट नहीं किया गया। इन देशों की मीडिया में भारतीय सेना के बयान नहीं दिखाए जा रहे थे।

जाहिर तौर पर चीनी मीडिया में ऐसा इसलिए दिखाया जा रहा था क्योंकि जेएफ-17 चीनी फाइटर जेट है और सरकारी चीनी मीडिया में इस तरह के निराधार दावों से सीधे तौर पर सरकारी चीनी एयरोस्पेस कंपनियों को फायदा होता है। इन रिपोर्टों के बाद, J-17 और J-10C लड़ाकू विमानों के निर्माता एविक चेंगदू एयरक्राफ्ट कंपनी लिमिटेड के शेयरों में शेन्ज़ेन ट्रेडिंग में दो सत्रों में 36 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा तुर्की की मीडिया में भारत को मुस्लिम विरोधी देश दिखाने की कोशिश की गई। डिजिटल तरह से मुस्लिम ब्रदरहुड को बढ़ावा दिया गया। कई संकेतों में चीनी मीडिया ने एक्सपर्ट्स के हवाले से भारत के नागरिकों को डराने की नीयत से 'टू फ्रंट वॉर' का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की। भारतीय फाइटर जेट को गिराए जाने के फर्जी वीडियो चीन-समर्थित अकाउंट्स से फैलाए गए। लिहाजा भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए चीन के दोनो भोंपू के मुंह को बंद कर दिया है।

TRT वर्ल्ड का सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक

भारत सरकार ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए तुर्की के सरकारी टीवी चैनल टीआरटी वर्ल्ड के सोशल मीडिया हैंडल को भारत में ब्लॉक कर दिया। यह कार्रवाई भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और क्षेत्रीय सुरक्षा को लेकर गलत सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए की गई है। आज ही दिन में भारत ने चीन के सरकारी प्रोपेगेंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स के सोशल मीडिया हैंडल को भी ब्लॉक कर दिया था।

सूत्रों के अनुसार, टीआरटी वर्ल्ड और ग्लोबल टाइम्स पर भारत के खिलाफ भ्रामक और भड़काऊ सामग्री फैलाने का आरोप है। पाकिस्तान समर्थक इन देशों के न्यूज पोर्टल अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के जरिए भारत के ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी फर्जी खबरें फैलाते पाए गए।
भारत सरकार का कड़ा रुख

भारत सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स को 8,000 से अधिक खातों को ब्लॉक करने का आदेश दिया, जिनमें अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों और प्रमुख यूजर्स के खाते शामिल हैं। सरकार का कहना है कि ये खाते राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाली गलत सूचनाएं फैला रहे थे। टीआरटी वर्ल्ड और ग्लोबल टाइम्स के खाते इस कार्रवाई का हिस्सा हैं।
पाकिस्तान समर्थक प्रचार का आरोप

ग्लोबल टाइम्स और कुछ अन्य अकाउंट्स पर पाकिस्तान समर्थक प्रचार को बढ़ावा देने का आरोप है। हाल के दिनों में, भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गलत सूचनाओं का प्रसार तेजी से बढ़ा है। तुर्की का टीआरटी वर्ल्ड खुद को वैश्विक समाचार और तुर्की के दृष्टिकोण को पेश करने का दावा करता है। उस पर भी भारत विरोधी कवरेज का आरोप लगा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भारत द्वारा क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने और विदेशी प्रचार को रोकने की दिशा में उठाया गया है।
पाकिस्तान का हिमायती है तुर्की

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, जिससे भारत और तुर्की के बीच तनाव बढ़ गया है। ऑपरेशन सिंदूर 7-8 मई 2025 की रात को शुरू हुआ। यह पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए एक सटीक और नियंत्रित सैन्य कार्रवाई थी। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के शिविर शामिल थे। भारत ने इस कार्रवाई को गैर-उत्तेजक और आतंकवाद के खिलाफ एक जिम्मेदार कदम बताया। हालांकि, तुर्की ने इस ऑपरेशन की निंदा करते हुए पाकिस्तान का समर्थन किया।

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने 7 मई को एक बयान जारी कर ऑपरेशन सिंदूर को "उकसाने वाला कदम" करार दिया और कहा कि इससे पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ गया है। तुर्की ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की, लेकिन साथ ही पाकिस्तान की मांग का समर्थन करते हुए पहलगाम हमले की जांच की वकालत की। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से फोन पर बात की और पाकिस्तान के प्रति अपनी "एकजुटता" व्यक्त की। शरीफ ने एर्दोगन को धन्यवाद देते हुए तुर्की के "अटूट समर्थन" की सराहना की।
तुर्की की सैन्य सहायता और ड्रोन विवाद

रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की निर्मित 'एसिस गार्ड सोंगर' ड्रोनों का इस्तेमाल किया, जिससे भारत के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने की कोशिश की गई। भारतीय सशस्त्र बलों ने इन ड्रोनों को निष्क्रिय कर दिया, लेकिन इस घटना ने तुर्की-पाकिस्तान गठजोड़ को उजागर किया। तुर्की ने लंबे समय से पाकिस्तान को नैतिक, आर्थिक और सैन्य समर्थन दिया है, जिसमें हथियारों की आपूर्ति और कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के रुख का समर्थन शामिल है।
भारत में तुर्की के खिलाफ गुस्सा

तुर्की के इस कदम से भारत में व्यापक आक्रोश फैल गया है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है, जिसमें भारतीयों ने तुर्की की यात्रा और वहां के उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की है। कई लोगों ने 2023 के भूकंप के दौरान भारत द्वारा तुर्की को दी गई मदद, जिसे "ऑपरेशन दोस्त" नाम दिया गया था, का हवाला देते हुए तुर्की को "कृतघ्न" बताया।

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