मनेंद्रगढ़
शासकीय विवेकानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मनेन्द्रगढ़ में नवगठित जनभागीदारी समिति की प्रथम बैठक का आयोजन उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री वीरेन्द्र सिंह राणा ने की। अध्यक्ष महोदय एवं सभी सदस्यगण पहली बार महाविद्यालय पधारे, जिनका स्वागत प्राचार्य डॉ.श्राबनी चक्रवर्ती द्वारा पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानपूर्वक किया गया। बैठक की कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए डॉ.चक्रवर्ती ने समिति के समक्ष प्रमुख एजेण्डा प्रस्तुत किए तथा महाविद्यालय की वर्तमान स्थिति से सभी सदस्यों को अवगत कराया। उन्होंने महाविद्यालय के समग्र विकास हेतु निम्नलिखित आवश्यक प्रस्ताव रखे- महाविद्यालय की बाऊंड्री वॉल का निर्माण, अतिरिक्त अध्यापन कक्षों की आवश्यकता, पेयजल व्यवस्था के अंतर्गत वॉटर कूलर की स्थापना, रिक्त पदों पर विशेषकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की वैकल्पिक नियुक्ति की आवश्यकता आदि।
प्राचार्य डॉ. चक्रवर्ती ने इस बात पर विशेष बल दिया कि महाविद्यालय को स्नातकोत्तर स्तर का दर्जा प्राप्त है, किन्तु वर्तमान में केवल चार विषयों में ही स्नातकोत्तर कक्षाएं संचालित हो रही हैं। उन्होंने समिति से आग्रह किया कि हिन्दी, अंग्रेज़ी, इतिहास, अर्थशास्त्र, प्राणीशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, भौतिकशास्त्र, गणित एवं भूगर्भशास्त्र जैसे महत्वपूर्ण विषयों में स्नातकोत्तर कक्षाएं प्रारंभ कराने हेतु शासन स्तर पर समन्वित प्रयास किए जाएं। इसके साथ ही, महाविद्यालय में शिक्षकों व कर्मचारियों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती सुनिश्चित कराने की आवश्यकता भी जताई गई। बैठक में प्रस्तुत सभी बिंदुओं पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया तथा महाविद्यालय स्तर पर किए जाने वाले कार्यों पर समिति ने सर्वसम्मति से अपनी सहमति प्रदान की। शासन स्तर पर संपादित कार्यो के लिए आवश्यक प्रयास किए जाने का भी समिति द्वारा आश्वासन दिया गया। आज की इस बैठक में समिति के माननीय सदस्यगण श्री धमेन्द्र पटवा, सुंदरलाल दुग्गड़, मुरलीधर सोनी, शैलेष जैन, आदित्य राज डेविड, गौरव अग्रवाल, राजकुमार गुप्ता, जीतेन्द्र यादव एवं महाविद्यालयीन स्टॉफ से डॉ. रश्मि तिवारी, डॉ.सुशील कुमार तिवारी, पुष्पराज सिंह, रामनिवास गुप्ता एवं मनीष श्रीवास्तव की गरिमामयी उपस्थिति रही। निश्चित ही आज की इस बैठक में लिए गए निर्णय महाविद्यालय की शैक्षणिक एवं भौतिक उन्नति हेतु रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध होंगे।