जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रमदान- भूगर्भ में सहेजा जाएगा करोड़ों लीटर वर्षा जल

भोपाल
जल गंगा संवर्धन अभियान में जल संरचनाओं का निर्माण, पुरानी जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, ट्यूबवैल, कुओं एवं हैंडपंप जैसी जल संरचनाओं के आसपास रिचार्ज संरचनाओं के निर्माण और तालाबों का गहरीकरण जैसे जल संवर्धन कार्यों से मध्यप्रदेश में करोड़ों लीटर वर्षा जल सीधे भूगर्भ में सहेजा जा सकेगा।

उद्यानिकी फसलों के लिये जल-संचयन पर जोर
विदिशा में जल गंगा संवर्धन अभियान में किसानों को पानी के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। उद्यानिकी और कृषि विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में संगोष्ठी का आयोजन कर ग्रामीणों को ऐसी तकनीकों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जहाँ किसान उद्यानिकी फसलों को पानी के सदुपयोग के बाद अच्छे तरीके से ले सकते हैं। किसानों को जल संरचनाओं के महत्व, सूक्ष्म सिंचाई में ड्रिप और स्प्रिंकलर के प्रयोग के बारे में बताया जा रहा है। किसानों को यह बताया गया कि ड्रिप एरीगेशन से उद्यानिकी फसलों में 60 से 70 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकती है। सिंचाई की यह पद्धति घुलनशील होती है, जो जमीन को पोषक तत्वों को पौधों की जड़ों तक पहुँचाती है।

कल्याणी नदी में श्रमदान
सीहोर जिले के ग्राम बरखेड़ादेवा और रसूलपुरा में कल्याणी नदी में श्रमदान किया गया। ग्रामीणों ने नदी के आसपास की सफाई की। ग्रामवासियों को जल संरक्षण की शपथ दिलायी गयी। जिले में जल संरक्षण की अनेक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। जिले में दीवार-लेखन, जागरूकता रैली, पोस्टर-बैनर, रंगोली, ग्रामसभा, कलश-यात्रा हो रही हैं। अनेक ग्रामों में कूप मरम्मत, तालाब जीर्णोद्धार, डेम की साफ-सफाई सहित अनेक कार्य किये जा रहे हैं। जल गंगा संवर्धन अभियान का प्रमुख उद्देश्य जन-भागीदारी से जल संरक्षण तथा संवर्धन सुनिश्चित करना है। जन-भागीदारी से जल-स्रोतों को प्रदूषण मुक्त करने के लिये मिलकर काम किया जा रहा है। जिले में आगामी वर्षा मौसम को ध्यान में रखते हुए पौध-रोपण के कार्य किये जा रहे हैं।

धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
बुरहानपुर जिले में ग्राम सीवल, बाकड़ी, मांडवा में चौपाल आयोजित कर ग्रामीणों को जल संवर्धन अभियान और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के बारे में जानकारी दी गयी। जिला पंचायत सीईओ सुश्री लता शरणागत ने ग्रामीणों को धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष अभियान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस योजना का लाभ उठाने के लिये आगे आने के लिये कहा। चौपाल में ग्रामीणों को अपने खेत के छोटे से हिस्से में तालाब निर्माण करने की सलाह दी। इसी के साथ कपिलधारा कुएँ के निर्माण के बारे में बताया गया। चौपाल में ग्रामीणों को पानी की बचत की शपथ दिलायी गयी। ग्रामीणों से कहा गया कि आगामी वर्षा के मौसम को ध्यान में रखते हुए गाँव में फलदार पौधे लगाने के लिये अभी से सामूहिक तैयारी करें।

जल गंगा संवर्धन अभियान में श्रमदान
सतना जिले में जल संरचनाओं के पुनर्जीवीकरण के लिये रामपुर बघेलान नगर परिषद में नर नदी के घाट पर श्रमदान किया गया। श्रमदान के बाद नागरिकों को जल संरचनाओं की स्वच्छता के लिये शपथ दिलायी गयी। श्रमदान में अनेक जन-प्रतिनिधि शामिल हुए। नगर परिषद कोठी के वार्ड क्रमांक-9 में खटोला स्थित वृंदावन आश्रम कुंड की सफाई की गयी। जिले में 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलेगा। सभी जल-स्रोतों को चिन्हित कर लिया गया है। जिले में पौध-रोपण की कार्य-योजना भी तैयार की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं ने जल यात्रा के माध्यम से जन-जागरूकता लाने के भी प्रयास किये हैं। नागरिकों को अच्छे भविष्य के लिये पानी की बचत की समझाइश दी जा रही है।

ग्रामीणों के बीच जल संरक्षण संवाद
छिंदवाड़ा जिले में जल संरक्षण संवर्धन अभियान में निरंतर गतिविधियाँ हो रही हैं। कन्हान वन ग्राम में पानी बचाने के लिये वनवासियों के बीच बैठक की गयी। वनवासियों से वर्षा जल का संचयन करने की समझाइश दी गयी। ग्राम पीपरढार में स्कूल के सामने वाले हैण्ड-पम्प की साफ-सफाई का कार्य किया गया। पानी के निस्तार के लिये गाद निकाल कर नाली बनायी गयी। ग्राम देव नदी में ग्रामीणों के बीच जल संरक्षण संवाद कार्यक्रम हुआ। विकासखण्ड बिछुआ के देव नदी गांव में किसान के खेत में खेत-तालाब के लिये श्रमदान किया गया। ग्राम पिपरियाकला में जल संरक्षण के अंतर्गत जल संगोष्ठी हुई। ग्रामीणों ने श्रमदान कर पोखर तालाब में सफाई कार्य किया। जिले में यह अभियान 30 जून तक निरंतर चलेगा। जल संवाद कार्यक्रम में “जल है तो कल है’’ जैसे नारे के बारे में युवाओं में जोश एवं उत्साह भरा जा रहा है।

 

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