ठाणे भिवंडी। भिवंडी में 18 कोव्हिड -19 पाॅजिटिव मरीज मिलने से मनपा की खुली पोल।

ठाणे भिवंडी। भिवंडी में 18 कोव्हिड -19 पाॅजिटिव मरीज मिलने से मनपा की खुली पोल।

शहर की चतुर्थसीमा, नाकाबंदी में हुये फेल।

भिवंडी में कोव्हिड-19 वायरस से 18 मरीज संक्रमित पाये गये हैं। जिसमें शहरी भाग से 10 और ग्रामीण परिसर से 08 मरीजों का समावेश है।

जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च को पंत प्रधान नरेंद्र मोदी ने कोव्हिड-19 वायरस के बढ़ते दुष्प्रभाव को देखते हुए पहले फैज़ में 21 दिन और दूसरे फैज़ में 19 दिन यानि 3 मई तक देश को तालाबंद कर दिया है।

शासन के आदेशानुसार भिवंडी मनपा के आयुक्त डाॅ.प्रवीण आष्टीकर ने अपनी चतुर्थसीमा सील करने के लिए अपने अधिकारियों को फरमान जारी कर ख़ूब वाहवाही लूटी थी।

लेकिन ये दावा भी मनपा का पूरी तरह खोखला साबित हुआ।

क्योंकि शहर में मिले कोव्हिड-19 संक्रमित मरीजों में अधिकांंश शहर की चतुर्थसीमा को पार कर दूसरे शहर से आये हैं।

बता दें कि 10 से 12 दिन के भीतर चतुर्थसीमा सील होने के बावजूद शहर में कोव्हिड-19 संक्रमित व्यक्ति मुंबई, मुंब्रा, दहिसर, सायन, मालेगांव आदि शहरों से आकर भिवंडी शहर को भी कोरोना संक्रमित कर दिया है।

ऐसे मरीजों की संख्या 08 हैं जो विभिन्न शहरों से भिवंडी  पालिका द्वारा तथाकथित चतुर्थसीमा सील के भीतर आये हैं।

इसी तरह देखा जाये तो शहर में 10 कोव्हिड -19 वायरस संक्रमित मरीज पाये गये हैं।

जिसमें बंगालपुरा, कणेरी, बेतालपाडा, अवचीत पाड़ा, चव्हाण कालोनी, मानसरोवर, तांडेल मोहल्ला का समावेश है।

इन क्षेत्रों में दो-चार बांस-बल्ली के सहारे गल्लियों को सील तो कर दिया गया है।

किन्तु मनपा कर्मचारी सील किये गये मोहल्ले की रखवाली करने के लिए ज़हमत नहीं उठाते हैं।

लावारिस बांस बल्ली को तोड़ कर स्थानीय रहवासी अपनी मोटर साइकिल दौड़ाते या फिर पैदल भ्रमण करते देखे जा सकते हैं।

वहीं भिवंडी पुलिस भी कोव्हिड-19 मरीजों को रोकने में असमर्थ साबित हो रही है।

शहर का हर मुख्य रास्ते पर नाकाबंदी कर खुद की ढिंढोरा पिटवाने वाली पुलिस सुबह तो उठक बैठक करवाती हैं।

किन्तु दोपहर 12 बजे के बाद शाम 5 तक फेसबुक, व्हाट्सएप, पबजी गेम जैसे सोशल मीडिया पर समय बिताते नाकाबंदी पर तैनात कर्मचारी देखे जा सकते हैं।

वहीं पर रात 9 बजे के बाद नाकाबंदी भी विरान बन जाती हैं।

नाकाबंदी पर मनपा कर्मचारियों की उपस्थिति नहीं होने के कारण फैला कोरोना।

भिवंडी पुलिस ने 16 मुख्य रास्ते पर 16 पुलिस अधिकारियों सहित भरी संख्या में पुलिस बल व SRPF की टीम तैनात कर रखा हुआ हैं।

इसके साथ ही वाहन चालकों पर यातायात अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए ट्रैफिक पुलिस भी तैनात किये गये हैं।

किन्तु मनपा के स्वास्थ विभाग के कर्मचारी क्यों नहीं तैनात किये गये ? इस प्रकार का सवाल स्थानीय समाजसेवी संस्थाओं द्वारा उठाया जा रहा है।

हर नाकाबंदी में मनपा के स्वास्थ विभाग का कर्मचारी स्कीन जांच कर नागरिकों को शहर में प्रवेश करने की अनुमति देते तो आज शहर में कोव्हिड-19 का एक भी संक्रमित मरीज नहीं पाया जाता।

पालिका प्रशासन में लगभग 4 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. वही पर मनपा के स्वास्थ्य विभाग में सैकड़ों कर्मचारी प्राइवेट स्तर पर काम कर रहे है।

फिर भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की नियुक्ति नाकाबंदी पर नहीं होने के कारण शहर में कोव्हिड- 19 से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

मनपा प्रशासन संक्रमित क्षेत्रों में सैकड़ों कर्मचारी भेजकर नागरिकों की जांच करवा सकती हैं तो क्या नाकाबंदी पर चंद लोग जो बाहर से आते है उनकी जांच क्यों नहीं करवा सकती।

इस प्रकार का आरोप कई सामजिक संस्थाओं ने पालिका प्रशासन पर लगाया हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट मुस्तकीम खान भिवंडी।

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