गेहूं खरीदी में राजस्व अमला लगने से तालाबंदी और अन्य सुरक्षा व्यवस्था हुई लचर।

गेहूं खरीदी में राजस्व अमला लगने से तालाबंदी और अन्य सुरक्षा व्यवस्था हुई लचर।

चेकिंग प्वाइंट पर नगर सुरक्षा और शिक्षक बैठे बने तमाशबीन।

15 अप्रैल के पहले जब गेहूं की खरीदी शुरू नहीं हुई थी तब स्थानीय प्रशासन के सभी अधिकारी एकजुट होकर कोरोना महामारी के खिलाफ कदमताल कर रहे थे, लेकिन अब राजस्व विभाग और उनके पटवारी गेहूं खरीदी में लग गए हैं। जिसके कारण कोरोना महामारी की लड़ाई में पुलिस विभाग अकेला ही बचा है। ऐसी स्थिति में व्यवस्थाओं का लचर हो जाना स्वाभाविक है, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा।

अभी तक तो पड़ोसी तहसील इटारसी में कोरोना वायरस के बढ़ने वाले मरीजों के कारण ही सिवनी मालवा क्षेत्र के आम नागरिक भयातुर हैं किंतु अब हरदा में भी कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज मिल जाने के कारण सिवनी मालवा क्षेत्र के आम नागरिकों के हाथ पैर फूले हुए हैं। ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन का लचर हो जाना भय को और ज्यादा बढ़ा रहा है।

देखा जा रहा है कि शासन के दिए हुए पास का बेजा दुरुपयोग किया जा रहा है। पास चेक करने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं है। चेकिंग प्वाइंटओं पर शिक्षक और अपनी सेवाएं देने वाले समाजसेवी सुरक्षाकर्मी के रूप में तैनात हैं। जिनसे प्रभावी लोग रुक नहीं पा रहे हैं यही नहीं भोपाल, इटारसी, होशंगाबाद, हरदा, टिमरनी और खंडवा से लोगों का आना और वाहनों का आना लगातार जारी है जिन्हें रोकने वाला कोई भी नहीं है ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन ने अब नागरिकों को भगवान भरोसे ही छोड़ दिया है।

प्रशासनिक रूप से फैलती इस लचर और अव्यवस्था के कारण स्थानीय पत्रकारों ने आज एसडीएम रवि शंकर राय से मुलाकात की उन्होंने स्वयं के बीमार होने की बात कही इसी के साथ उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की पूर्ति के लिए गेहूं की खरीदी भी एक बड़ा विषय है। हम समय-समय पर पुलिस, प्रशासन का सहयोग करने के लिए तैयार हैं किंतु वर्तमान में गेहूं खरीदी भी एक महत्वपूर्ण काम है। दूसरी ओर जैसे ही पत्रकारों की हलचल शुरू हुई वैसे ही प्रशासनिक स्तर पर अधिकारियों की गतिविधि भी बढ़ गई एसडीओपी सौम्या अग्रवाल ने स्थानीय पुल के पास स्वयं ही मोर्चा संभाल लिया और वाहनों की चेकिंग में जुट गई। एसडीओपी सौम्या अग्रवाल से समय लेने के बाद भी वे पत्रकारों से नहीं मिल पाई वे लगातार वाहनों की चेकिंग में लगी हुई थी l इधर पत्रकारों ने एआईजी अरविंद सक्सैना से चर्चा की उन्होंने स्वयं को रायसेन में 57 पुलिसकर्मियों के टोरेंट करने की जानकारी देते हुए अपनी व्यस्तता बताइ।

पत्रकारों के सामने अब मुद्दा नागरिकों की सुरक्षा का बचा था। नगर के अंदर की व्यवस्था तो जहां-तहां जैसे-तैसे शिक्षकों, सुरक्षाकर्मियों और अन वालंटियर ने संभाल रखी है किंतु इटारसी, होशंगाबाद, टिमरनी, हरदा, खंडवा और भोपाल से आने वाले प्रभावी लोगों और शासकीय कर्मचारियों पर किसी भी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं लग रहा है।

ऐसी स्थिति में आम नागरिक परेशान और उत्तेजित दिखाई दे रहा है। पत्रकारों ने कहा कि यदि सोमवार को कल दोपहर तक पुलिस महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा नहीं होती है तो वे सभी होशंगाबाद जाकर आईजी और कमिश्नर के समक्ष अपनी असुरक्षित सिवनी मालवा तहसील की सुरक्षा और व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए मजबूर रहेंगे। पत्रकारों में नंद किशोर व्यास, उमाशंकर चंद्रायण, ओ उमेश गौड, संतोष चंदेल, विपिन मालवीय, शशांक मिश्रा, केके यदुवंशी,  विजय सिंह ठाकुर, विनीत राठी, वीरेंद्र तिवारी, संदीप ठाकुर, राजू राठौर, शशिकांत शर्मा, राम शर्मा सहित अन्य मीडिया कर्मी उपस्थित थे।

ब्यूरो रिपोर्ट अजय सिंह ठाकुर।

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