टीकमगढ़। अविरल फाउन्डेशन और द ब्रेन स्टोमर्स ने सौंपा ई-पास में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन।

टीकमगढ़। अविरल फाउन्डेशन और द ब्रेन स्टोमर्स ने सौंपा ई-पास में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन।

टीकमगढ़ से वसीम खान की रिपोर्ट।

होम क्वारंटाइन न करके इन्टीटूशनल क्वारंटाइन किया जायें-अविरल जैन

अविरल फाउन्डेशन अध्यक्ष अमिताभ जैन और ‘विचार मंथन’ के अविरल जैन ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के नाम डिप्टी कलेक्टर सौरभ मिश्रा से विस्तृत चर्चा कर ज्ञापन सौंप कर ई-पास के निर्देश संख्या 10 में संशोधन होम क्वारंटाइन न करके इन्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया जाये। द ब्रेन स्टोमर्स के अविरल जैन के साथ अतुल बुखारिया,इशिता शर्मा, नैना मिश्रा, पूजा रतनानी, प्रखर मंडलोई, प्रवीण मिश्रा, प्रियम जैन ‘विचार मंथन’ के सदस्यों ने कोविड-19 की कड़ी को तोड़ने के लिये विचार किया वह विचारणीय हैं।

कोविड-19 के प्रकोप के मद्दे नजर राज्य सरकार ओर कोरोना कार्यकर्ता विश्व व्यापी महामारी से लड़ने और मध्यप्रदेश के लोगों को बचाने के लिये 24 घंटे काम कर रहे हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने अपने लोगों को उनके घर लोटने के लिये ई-पास सेवाओं की शुरुआत की जो राज्य के विभिन्न स्थानों के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों में फंसे हैं।

ई-पास के अनुदेश संख्या 10 के अनुसार ई-पास धारकों और सहायक के नियमों का पालन करना चाहिये। अनिवार्य रुप से 14 दिनों के लिए खुद को छोड़ देना चाहिए लेकिन लोग छूट का दुरुपयोग कर रहे हैं। जिससे शासन प्रसाशन जन-जन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय परिवार अपने सदस्य के बीच स्नेह, एकता के लिये जाना जाता है। समस्या के समय एकजुट होते हैं परम सत्य है। जब कोई व्यक्ति अपने घर लोट रहा होता है तो दुनिया से यह कहने के लिए कि वह अलग है होम कोरेन्टाईन है लेकिन वास्तविक रुप से वह घर के एक कमरे में नहीं रहता है। वह घर के सभी सदस्यों से मिल रहा है। जो गलत है। वह उस व्यक्ति को बहुत नुकसान पहुंचाता है जब वह व्यक्ति परीक्षण में कोविड-19 पाॅजिटिव और परिवार के अन्य सदस्यों को कोविड-19 पाॅजिटिव बनाता है फिर कड़ी बढ़ती चली जाती है। इससे स्थानीय प्रशासन का तनाव बढ़ता है। जन जन को परेशान होना पड़ता है। राज्य कोविड-19 की श्रृंख्ला को रोकने के लिये बड़े पैमाने पर प्रयास कर रहा है लेकिन दुर्भाग्य से लोग उचित दिशा निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं इसी कारण ई-पास में संशोधन की जरूरत है महामारी को रोकने लिये।

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