शिवराज सरकार के श्रम कानून परिवर्तन में ग्रेसिम मजदूर संघ राष्ट्रीय स्तर पर करेगा विरोध।

शिवराज सरकार के श्रम कानून परिवर्तन में ग्रेसिम मजदूर संघ राष्ट्रीय स्तर पर करेगा विरोध।

उज्जैन से संजय शर्मा की रिपोर्ट।

नागदा। शिवराजसिंह चौहान द्वारा श्रम कानून के बदलाव के विरोध में आज ग्रेसिम मजदूर संघ द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम आरपी वर्मा को ज्ञापन दिया गया। जिसमें मजदूर संघ के प्रधानमंत्री जितेंद्र राघवंशी द्वारा साफ लफ्जो में कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी और शिवराज सरकार ने श्रम कानून में परिवर्तन कर पूंजीवादियों को जो फायदा पहुँचाने का कार्य कर रही है, जिसे ग्रेसिम मजदूर संघ कतई सहन नहीं करेगा। 22 तारीख को इसका विरोध राष्ट्रीय स्तर पर करेगा उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना महामारी की आड़ में श्रम कानूनों में परिवर्तन कर दिया गया। सीधे सीधे उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश भारतीय जनता पार्टी द्वारा की गई है। जिसमें बंधुआ मजदूरों पर उधोगपतियों को हुकूमत करने की छूट दी गयी हैं। उसे ना तो संवैधानिक अधिकार से और ना मानवता के आधार से सही माना जा सकता है। आजादी से पहले जिन श्रम कानूनों से देश का श्रमिक अपना कार्य चरणबद्ध तरीके से कर सकता था और आजादी के बाद हमारे श्रमिक नेताओं ने चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर उन दमनकारी श्रम कानूनों को खत्म किया और श्रमिकों को बराबरी की भागीदारी का हिस्सा बनाया और श्रमिकों को उनका हक दिलवाया।

आज श्रमिकों को शोषण पूर्व तरीके से श्रम कानून से मुक्त कर दिया गया है। नवीन राष्ट्रवादी सोच फैमिली मेहनत राष्ट्रवादी सोचते आज देश को विश्व की चौथी महाशक्ति के रूप में स्थापित किया है। आज उन्हीं मजदूरों के साथ कोरोना की आड़ में भारतीय जनता पार्टी इतना बड़ा षड्यंत्र रच रही है।

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