सिलवानी। जंगल में चल रही सागौन की अवैध कटाई। वन अमल सो रहा कुम्भकर्णीय नींद।
सिलवानी से श्रीराम सेन की रिपोर्ट।
दबंग ठेकेदारों द्वारा किया अवैध खनन। वन विभाग बैठा मुँह छुपाए। या राशि का बोलबाला?
वन्य प्राणियों के साथ साथ गाय-पशुओं के लिए नहीं है विचरण की व्यवस्था।
सिलवानी तहसील के बीट चिचोली, डुंगरिया में अवैध रूप से सागौन के हरे भरे पेड़ काटे जा रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों के कानों में जू तक नही रेंग रही है। पट्टे के नाम से अवैध कब्जे किये जा रहे हैं। पेड़ों को काटकर कहीं खेत बनाये जा रहे हैं तो कहीं घर बनाये जा रहे हैं और वन विभाग की आंखों के सामने दबंग व्यक्ति आंख मिचौली खेलते हैं।
जंगल को काटकर आखिर कैसे रुकेगी जंगल की कटाई क्योंकि अधिकारी कर्मचारी सहित अवैध जंगल कटाई में लिप्त हैं तो वहीं जंगल में डेम बना दिए जाते हैं। उन डेमों में खेती की जाती और उन डेमों में कुआँ खोदे जाते हैं। शासन प्रशासन अपने निजी स्वार्थों में मग्न। जंगल में अवैध खनन भी जोरों पर हुआ है। सर्रे, गुटोरी, सहित जंगल में अवैध खनन दबंग ठेकेदारों के द्वारा किया गया। जिसकी की मुरम निकालकर रोड पर डॉली गयी हैं। पेड़ो को मिटाया गया। दबंगो के सामने वन अमल सिर छुपाए हुए बैठा है। या फिर नोटों के इशारे पर अवैध खनन हुआ है।
वन्य प्राणियों के लिए एवं पशुओं गाय को दर दर भटकना पड़ रहा है। वन अमला वन काटने की अनुमति दे सकता है। गाय के लिए चरने विचरण के लिए नहीं। वहीं वन्य प्राणी भी दर दर भटक रहे हैं।