सच हकिकत और खुलासा।
सनावद से प्रभु प्रेम दोगाया की रिपोर्ट।
शहर में भी कोरोना का अटैक। सनावद में एक और गवल में एक व्यक्ति कोरोना की चपेट में आया।
विगत 4 दिनों से सनावद में कोरोना मरीज को लेकर स्थिति स्पष्ट हो गई। सनावद में टंकी के नीचे, आज़ाद रोड पर रहने वाले व्यक्ति की कोरोना की पुष्टि करने से अब तक बच रहे प्रशासन ने स्वीकार किया कि उन्हें कोरोना था लेकिन उनकी पोजेटिव रिपोर्ट उनकी मौत के बाद आई।
अब पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया है साथ ही कोरोना संक्रमित मरीज के सम्पर्क में आये लोगों का सेम्पल भी लिया जा चुका है।
आज कुछ और लोगों के सेम्पल भी होंगे।
जानकारी के अनुसार इस मरीज को 23 मई को इंदौर इलाज के लिए शेल्बी हास्पिटल ले जाया गया। वहाँ उनकी 26 मई को मौत हो गई।
उसके पूर्व उनकी कोरोना की जांच प्राइवेट लेब में की जा चुकी थी लेकिन 26 को उनकी मौत तक उनकी रिपोर्ट नहीं आई तो प्रशासनिक स्वीकृति के साथ उन्हें सनावद लाकर दफनाया गया।
27 मई को पोजेटिव रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन अलर्ट हुआ और पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया।
इसी बीच एक समाचार पत्र की भ्रामक खबर ने शहर में हड़कम्प मचा दिया। जिसमें लिखा गया कि उनका इलाज करने वाले डॉक्टर राहुल अग्रवाल और उनके स्टाफ को भी कोरोना पोजेटिव है। इस सम्बंध में खुद चिकित्सक राहुल अग्रवाल ने वीडियो जारी कर पूरी स्थिति साफ की।
डॉक्टर राहुल अग्रवाल ने कहा कि यहां उस पोजेटिव मरीज का इलाज नहीं हुआ। वो मरीज आया तो स्टाफ ने दूर से देख कर इंदौर या सरकारी हास्पिटल जाने की सलाह दी।
लेकिन कल रात जब गवल के एक मरीज की रिपोर्ट पोजेटिव आई और उसके बारे में पता चला कि वो डॉक्टर राहुल अग्रवाल के यहां कार्यरत था। फिर हड़कम्प मच गया। तब हमारे रिपोर्टर ने उनसे बात की। उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति 15 दिन से मेरे हास्पिटल में काम पर नहीं आया और होम आइसोलेट था।
जब टंकी के नीचे वाला मरीज यहां आया था उस समय भी गवल वाला व्यक्ति यहां नहीं था। स्टाफ के जिन दो लोगों ने 27 को पोजेटिव व्यक्ति को देखा था आज उनका भी हम सेम्पलिंग करवा रहे हैं।
दूसरी ओर रात को गवल के एक व्यक्ति की भी रिपोर्ट पोजेटिव आई है। इस तरह अब सनावद वासियों की चिंता बहुत बढ चुकी है। अब प्रशासन और जनता दोनों को सतर्क ओर जागरूक रहना जरूरी है अन्यथा सनावद में कोरोना का विस्फोट होते देर नहीं लगेगी।