बैंक ऑफ इंडिया जोबट में अभद्रता की जा रही व्यापारीयों, ग्रामीणों में आक्रोश।

बैंक ऑफ इंडिया जोबट में अभद्रता की जा रही व्यापारीयों, ग्रामीणों में आक्रोश।

जोबट अलीराजपुर से चयन खत्री की रिपोर्ट।

जोबट। बैंक ऑफ़ इंडिया के मेनेजर मनोज भट्टाचार्य ने केसर सिंह निवासी देवलई की पासबुक फाड़ी और अकाउंट नंबर बदला। केसर सिंह ने दिया एसडीएम को आवेदन।

बैंक ऑफ इंडिया के मैनेजर मनोज भट्टाचार्य के द्वारा एक खाताधारक के साथ की गई अभद्रता के मामले को 24 घण्टे हुए ही थे की एक और मामला सामने आ गया।

बैंक आफ इण्डिया जोबट में खाताधारकों से अभद्रता के साथ -साथ धोखाधड़ी को लेकर शनिवार को अनुविभागीय अधिकारी सुश्री किरण आंजना के पास लिखित शिकायत की गई है।

गुरूवार को चालुखाता धारक बालाजी ऑटो पार्ट्स के साथ बैंक मेनेजर मनोज भट्टाचार्य द्वारा की गई अभद्रता का मामला सामने आया था।

समाचार प्रकाशित होने से बौखलाये मेनेजर भट्टाचार्य ने बालाजी ऑटो पार्ट्स की फर्म का खाता बंद करने संबंधीत पत्र थमा दिया।

समाचार प्रकाशित होने के बाद अनुविभागीय अधिकारी किरण आंजना ने मामले को संज्ञान में लेते हुए बैंक मेनेजर मनोज भट्टाचार्य को एसडीएम कार्यालय बुलाकर चर्चा की और कहा कि अपने साथ -साथ स्टाॅफ के व्यवहार सुधारने के निर्देष भी दिये।

इसी बीच ग्राम देवलई निवासी केशरसिंह गाडरीया ने अपने साथ हुई अभद्रता एवम संबंधीत लिखित शिकायत अनुविभागीय अधिकारी जोबट से की ।

जानकारी अनुसार केशरसिंह पिता डूंगरिया निवासी देवलई जोबट का खाता क्रमांक 84510110006240 के नाम से 2017 में बैंक आफ इंडिया जोबट में खाता खुलवाया था, जिसमें लेन देन भी जारी था परंतु 30/05/2020 को बैंक मैनेजर मनोज भट्टाचार्य द्वारा केशरसिंह दवलई कि उपरोक्त वर्णित पासबुक यह कहते हुए रख ली कि यह पासबुक तुम्हारी नहीं है।

केसर सिंह कनवाड़ा वाले की है ओर नई पासबुक देकर खाता नंबर 884510110006162 भी चेज कर दिया। खाते में बैलेंस 563 रूपये की प्रिंट कर दी गई।

यदि पासबुक केसर सिंह निवासी देवलई के नाम पर नहीं थी तो इस पासबुक से 2017 से आज तक लेन-देन का व्यवहार कैसे हो रहा था। मामला बड़ा गंभीर है, ऐसे में कई अशिक्षित आदिवासियों के साथ आर्थिक शोषण, धोखाधड़ी के प्रकरण हो रहे होंगे।

परेशान होकर इस गरीब आदिवासी केशरसिंह ने अनुविभगीय अधिकारी सुश्री किरण आंजना से शिकायत की। जहां अनुविभागीय अधिकारी किरण आंजना ने मेनेजर भट्टाचार्य को बुलाकर पूरी जानकारी चाही गई। अनुविभागीय अधिकारी के सामने भी मेनेजर टालमटोल जबाद दे रहे थे। बाद में जब नई पास बुक पर डाटा प्रिन्ट करवाया गया तो पाया की केशरसिंह के खाते में 17000 राशि शेष जमा है।

केशरसिंह देवलई के साथ हुए मामले में भी कई प्रकार की शंकाए पैदा होती हैं। ऐसे ही न जाने कितने भोले भाले आदिवासी होंगे जिनको खबर तक नहीं होगी की इनके खातो के साथ क्या किया जा रहा है या क्या किया गया है ?

एसडीएम ने क्या कहा: हां मुझे देवलई निवासी केसर सिंह ने एक आवेदन दिया है जिसमें खाता नंबर चेंज करने की बात बताई गई है मैं पूरे मामले को दिखा रही हूं। सुश्री किरण आजना एसडीएम जोबट।

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