सिलवानी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत सालाबर्रु बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं सालाबर्रू के लोग।
सिलवानी से श्रीराम सेन की रिपोर्ट।
रायसेन जिले में आदिवासी अंचल आज भी पानी के लिए मोहताज है। एक दो किलोमीटर से लोग पानी ला रहे हैं।
विकास तो बहुत हुआ है लेकिन आम जनता से जुड़ी इन समस्याओं पर जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया। उन्हें भविष्य के लिए छोड़ दिया गया है। आश्वासन के लिए छोड़ दिया गया है।
इसका जीता जागता उदाहरण सालाबर्रु गांव में 160 मकान हैं, उन्नीस सौ के लगभग जनसंख्या है, पूरे गांव में सौर्य ऊर्जा पानी वितरण प्रणाली चालू है, जिसमें केवल सात टोटियाँ लगी हुई हैं लेकिन गांव के लोग दिन भर धूप में पानी का इंतजार करते रहते हैं। कब पानी आए और हम कब पानी भरें। यह वहां की बहुत बड़ी समस्या है।
पानी को लेकर ही सरपंच और एक व्यक्ति में विवाद हो गया और भाई विवाद थाने तक पहुंच गया। एक तरफ सत्ता में पहुंच रखने वाले लोग पानी का अच्छे से लाभ ले रहे हैं। वे लोग जिन्होंने सत्ता पर काबिज किया है वह पानी के लिए भटक रहे हैं। यह असली कहानी जनता की जुबानी है।
कई महिलाओं से चर्चा हुई है तो उन्होंने एक ही बात कही है प्रत्येक चौराहे चौराहे पर टोंटियां लगी हैं। किसी के घर में नल जल योजना की टोटी नहीं लगी है। केवल गांव के रसूखदार लोगों के घर टोटियां लगी हुई हैं।
यह नल जल योजना बिजली से भी चलती है और सौर ऊर्जा से भी चलती। अब व्यवस्था क्यों नहीं बन पा रही यह वहां लोकल के जनप्रतिनिधि जाने।
ग्राम की ललिता बाई आदिवासी ने बताया कि गांव में मात्र 7 टोटी हैं और बहुत परेशानी आती है। बड़ा गांव है, जनसंख्या बहुत है और पानी की काफी मारामारी है। पीएचई विभाग के अंकुर गोस्वामी से चर्चा हुई तब उन्होंने कहा कि बहुत जल्दी पानी की टंकी बनाई जाएगी और घर-घर नल लगाने की योजना तैयार की जा रही है।