जंगल माफिया पर नियंत्रण के लिए ज्वाइंट ऑपरेशन आवश्यक।
शहडोल से संभागीय ब्यूरो मोहित तिवारी की रिपोर्ट।
जब तक क्षेत्र में माफिया पर नियंत्रण नहीं होगा, तब तक ना वन बचेंगे और ना ही पर्यावरण बचेगा। इसके लिए जरूरी है कि हाई लेवल बैठक के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जाए।
ऐसे में विनाशहीन विदोहन आवश्यक है। इस आशय की बातें नवागत सीसीएफ प्रभात कुमार वर्मा द्वारा इस समाचार पोर्टल के प्रतिनिधि से हुई विशेष मुलाकात के दौरान बताई। सीसीएफ़ ने बताया कि मैंने शहडोल वृत का प्रभार 09 मार्च को संभाला था। उसके बाद एक बैठक में शामिल होने भोपाल गया। उसी दौरान कोविड-19 के चलते लाकडाउन हो गया। फलस्वरूप मुझे भोपाल में ही रुकना पड़ा।
वन्य जीवों की सुरक्षा आवश्यक।
पिछले वर्ष इस वृत में वन्य जीवों की हत्या या शिकार के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में सीसीएफ़ ने बताया कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा आवश्यक है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अल्प स्टाफ के बाद भी हमारा यथासंभव प्रयास रहेगा कि किसी भी कीमत पर वन्यजीवों की हत्या या शिकार ना होने पाए। वैसे भी मध्यप्रदेश अपने टाइगर जोन के लिए प्रसिद्ध है।
वन नाकों को पर लगेंगे सीसीटीवी।
समूचे शहडोल क्षेत्र में होने वाली इमारती, अन्य लकड़ी की तस्करी पर रोक के संबंध में पूछने पर सीसीएफ ने बताया कि विभाग द्वारा अतिशीघ्र एक नई पहल की जा रही है। तदनुसार वन नाकों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
इससे वन माफिया पर तो अंकुश लगेगा ही वहीं इस तरह के अपराधों में संलग्न वन कर्मचारियों पर भी निगाह रखी जा सकेगी। सीसीएफ़ ने बताया कि गोहपारू वन नाके में सीसीटीवी कैमरा लगाया जा चुका है।
फिलहाल संवेदनशील 05 वन नाकों पर सीसीटीवी कैमरे शीघ्र लगाए जाएंगे। इस तरह का यह पहला प्रयास है, उम्मीद है कि इसमें हमें अपने उद्देश्य में सफलता मिलेगी।
डिप्टी रेंजर के भरोसे चल रहा काम।
शहडोल वन वृत में स्टाफ की क्या स्थिति है, के संबंध में सीसीएस ने बताया कि हमें 22 रेंजरो की जरूरत है। हमारे पास एक भी रेंजर नहीं है। ऐसे में पूरे क्षेत्र में डिप्टी रेंजर के भरोसे काम चल रहा है। इस बारे में विभाग के मुखिया को अवगत कराया गया है।
उत्तम क्वालिटी का है शहडोल का तेंदूपत्ता।
शहडोल में तेंदूपत्ता की क्या स्थिति है, के जवाब में सीसीएफ प्रभात कुमार वर्मा ने बताया कि शहडोल का तेंदूपत्ता उत्तम क्वालिटी का है। ताजा आंकड़ों की बात की जाए तो इस जोन में शत प्रतिशत तेंदूपत्ता संग्रह हो चुका है।
अपनी दुकान योजना शीघ्र।
वन विभाग द्वारा कमजोर वर्ग के कल्याण के लिए क्या कोई योजना है, के जवाब में सीसीएफ़ ने बताया कि वन विभाग द्वारा अपनी दुकान योजना शीघ्र लागू की जा रही है। इसमें विभाग कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देगी इस तरह की दुकानों पर वन औषधि आदि का विक्रय किया जाएगा।
फिलहाल कोरोना से जंग पहली प्राथमिकता।
आप की पहली प्राथमिकता क्या होगी, के जवाब में सीसीएफ ने बताया कि फिलहाल कोरोना से जंग वन विभाग की पहली प्राथमिकता में शामिल है. हम वन समितियों, वन उपज समितियों के सदस्यों के मार्फत पूरे क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क लगाने, सैनिटाइजेशन के संबंध में व्यापक प्रचार प्रसार कर रहे हैं। इसके तहत पूरे वृत में हजारों मास्क बांटे गए हैं। दूरस्थ अंचलों में निवासरत ग्रामीणों को सैनिटाइजर देते हुए उसके उपयोग का तरीका भी बताया गया है।