लॉकडाउन में चित्तूर आंध्रप्रदेश में फंसे बाकूड़ पंचायत के 24 अतिथि श्रमिक वापस गांव पहुंचे।

लॉकडाउन में चित्तूर आंध्रप्रदेश में फंसे बाकूड़ पंचायत के 24 अतिथि श्रमिक वापस गांव पहुंचे।

ब्यूरो चीफ अफसर खान की खबर।

बस को 2770 किलोमीटर चल कर लौटने में लगे 4 दिन।डॉ.सुनीलम ने जिलाधीश को दिया धन्यवाद। कंपनियों ने नहीं किया मजदूरी का भुगतान। श्रमिक ठेकेदारों पर कानूनी कार्यवाही करे सरकार।

24 guest workers from the left quarter of the bakchod panchayat, stuck in chittoor andhra pradesh in lockdown, returned to the village.
24 guest workers from the left quarter of the bakchod panchayat, stuck in chittoor andhra pradesh in lockdown, returned to the village.

मुलताई के पूर्व विधायक डॉ.सुनीलम में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि चित्तूर की न्यू रंगा कंपनी के 11 श्रमिक तथा पाशा कंपनी के 12 श्रमिक लॉकडाउन के दौरान चित्तूर में फंसे हुए थे। लगातार प्रयास के बाद आज मध्यप्रदेश शासन के द्वारा बैतूल से चित्तूर भेजी गई बस से वापस पहुंचे।

सभी श्रमिकों की बैतूल में स्वास्थ्य जांच कराने के बाद उन्हें बस द्वारा बाकुड़ पंचायत के विभिन्न गांव में पहुंचाया गया।डॉ.सुनीलम ने कहा कि उनसे मई के प्रथम सप्ताह में बाकुड़ की लक्ष्मी टेकाम और संगीता बैठा ने फोन पर संपर्क कर गांव वापस आने की इच्छा जताई थी।

11 मई को जिलाधीश बैतूल तथा राज्य के समन्वयक को पत्र लिखकर 24 श्रमिकों को वापस लाने की व्यवस्था का अनुरोध किया गया।

कई बार पत्र लिखने तथा चित्तूर के पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बावजूद भी जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तब फैक्ट्री मालिकों एवं ठेकेदार पर बंधुआ मजदूरी करवाने को लेकर एफआईआर कराने का प्रयास किया गया।

मुंबई की सामाजिक कार्यकर्ता जमीला खान एवं हैदराबाद से तेलंगाना के पूर्व गृहमंत्री व्हाइ.नरसिम्हा रेड्डी और पूर्व न्यायाधीश गोपाल सिंह द्वारा लगातार चित्तूर के अधिकारियों से बातचीत की गई लेकिन आंध्रप्रदेश सरकार ने अतिथि श्रमिकों के गांव वापस लौटने की कोई व्यवस्था नहीं की, ना ही कंपनी के खिलाफ मजदूरों को बंधुआ बनाकर रखने के खिलाफ कोई अपराध पंजीबद्ध किया।

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद भी जब श्रमिकों की वापसी का कोई इंतजाम नहीं किया गया तब मैंने आंध्रप्रदेश के प्रभारी विद्युत मंडल के सीएमडी वी.किरण गोपाल से सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कराने हेतु कहा तब जिलाधीश बैतूल द्वारा आरटीओ के माध्यम से बस MP48 T0 648 को अधिग्रहित कर 9 जून की सुबह ड्राइवर कल्लू पवार और संतोष साहू के साथ बैतूल से चित्तूर भेजा जो चौथे दिन 24 श्रमिकों को लेकर 2770 किलोमीटर की यात्रा के बाद वापस बैतूल पहुंची।

24 guest workers from the left quarter of the bakchod panchayat, stuck in chittoor andhra pradesh in lockdown, returned to the village.
24 guest workers from the left quarter of the bakchod panchayat, stuck in chittoor andhra pradesh in lockdown, returned to the village.

डॉ.सुनीलम ने जिलाधीश को धन्यवाद देते हुए 24 श्रमिकों की मजदूरी दिलाने के लिए श्रम विभाग के माध्यम से तत्काल कार्यवाही की मांग की है। डॉ.सुनीलम ने बताया कि दोनों कंपनियों द्वारा 4 से 8 महीने की मजदूरी इन श्रमिकों को नहीं दी गई है।

डॉ.सुनीलम ने कहा कि बैतूल जिले के आदिवासी श्रमिकों को बड़े पैमाने पर ठेकेदार द्वारा बहुत कम मजदूरी पर अन्य राज्यों में ले जाया जाता है। जहां उन्हें न तो न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जाती।

इन श्रमिकों से 12 से 14 घंटे रोजाना काम लिया जाता है जिसका कोई ओवरटाइम नहीं दिया जाता है।

डॉ.सुनीलम ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के लिए बने कानून के मुताबिक सभी प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण अनिवार्य है लेकिन श्रम विभाग द्वारा इस कानून का पालन नहीं किया जा रहा है।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर