बजाज कंपनी से लोगों को फायनेंस करवाना पड़ा महंगा। बुरहानपुर से विनोद सोनराज की रिपोर्ट।

बजाज कंपनी से लोगों को फायनेंस करवाना पड़ा महंगा।

बुरहानपुर से विनोद सोनराज की रिपोर्ट।

बेवजह खातों से रुपये की लग रही है चपत। जिसकी जवाबदारी ना तो बैंके ले रही और ना ही बजाज कंपनी। परेशान होकर लोगों ने थाने में की शिकायत और कोर्ट में शरण लेने की दी चेतावनी। एसपी के दखल के बाद शिकारपुरा पुलिस ने लिखी रिपोर्ट।

It was expensive to get people to finance from Bajaj company.
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बुरहानपुर। यदि आप भी किसी फाइनेंस कंपनी से कोई चीज़ फाइनेंस कराने की सोच रहे हैं या करा चुके हैं तो सावधान हो जायें, क्योंकि बुरहानपुर में बजाज फाइनेंस कंपनी से कई लोग फाइनेंस करा कर मुसीबत में फंस चुके हैं।

जी हां क्योंकि जिन लोगों ने बजाज कंपनी से फाइनेंस कराए हैं उन लोगों के बैंक खातों से बेवजह लगातार रुपयों की कटौती हो रही है। रुपए कटौती को ना तो बैंक स्वीकार कर रहा है और ना ही बजाज फाइनेंस कंपनी के लोग मान रहे हैं।

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कुछ उपभोक्ताओं ने आज इसी संबंध में थाना शिकारपुरा में लिखित शिकायत कर कार्रवाई की मांग की। सभी का कहना है कि खाते से काटे गए रुपयों की जानकारी ना ही बैंक अधिकारी दे रहे हैं और ना ही बजाज कंपनी के लोग तो आखिर खाते से रुपए गए कहाँ?

खैराती बाजार के खाटू घाट स्थित सुनील महाजन ने बजाज फाइनेंस कंपनी से 55 इंच सोनी कंपनी की एलईडी टीवी फाइनेंस कराई है। जिसकी कीमत लगभग 85,000 है। सुनील महाजन ने बताया कि प्रतिमाह कंपनी द्वारा 6460 रुपए की किश्त काटी जाती है लेकिन इसके बीच खाते से कई बार रुपयों की कटौती की गई।

जिसके संबंध में इन्होंने महाराष्ट्र बैंक अधिकारियों से जानकारी ली तो अधिकारी ने कहा की बैंक द्वारा खाते से कोई कटौती नहीं की गई। बैंक के अधिकारी का कहना है की रुपयों की कटौती बजाज कंपनी ने मुंबई स्थित ऑफिस से की है।

सुनील अंकिता टाकीज के सामने स्थित बजाज फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों के पास भी गए और कटौती के संबंध में जानकारी ली तो वहां से भी कटौती के संबंध में कहा गया की कंपनी ने कोई कटौती नहीं की है।

आखिरकार काफी देर तक बहस होने के बाद परेशान होकर सुनील महाजन सहित अन्य ने थाना शिकारपुरा में शिकायत दर्ज कराई।

इसी प्रकार आजाद नगर निवासी अख्तर हुसैन अंसारी ने बताया कि उन्होंने बजाज कंपनी से 15000 रुपये का मोबाइल फोन फाइनेंस कराया था जिसकी हर माह आईडीबीआई बैंक के अकाउंट से किश्त काटी जाती है। लेकिन किश्त के अतिरिक्त कई बार खाते से बेवजह रुपयों की कटौती की गई।

रुपए कटौती के संबंध में ना ही बैंक अधिकारी ने स्वीकारा और ना ही बजाज फायनेंस कंपनी के लोग स्वीकार कर रहे हैं। जबकी बैंक से निकाले स्टेटमेंट में कटौती के संबंध में बजाज कंपनी का नाम आ रहा है।

एक और मामला गोपाल नेहते निवासी इतवारा हुसैनी आलम ने बताया कि उन्होंने बजाज फायनेंस कंपनी से 26000 रुपये मूल्य की एलईडी टीवी फाइनेंस कराई थी। जिसकी प्रतिमाह किश्त बडौदा बैंक के अकाऊंट से काटी जाती है।

इस बीच कई बार उनके खातों से भी बेवजह रुपयों की कटौती की गई। इस संबंध में जानकारी लेनी चाही तो बैंक अधिकारी और बजाज फाइनेंस कंपनी के लोगों ने कटौती होने से साफ इनकार कर दिया।

शिकायतकर्ता सुनील महाजन ने बताया कि बेवजह बैंक खाते से रुपए की चपत लगाई जा रही है जोकि उपभोक्ताओं के साथ खुलेआम धोखा और लूट है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शिकारपुरा थाने में रिपोर्ट लिखाने गए तो थाने में पदस्थ शाहरुख कुरेशी ने इतने गंभीर मामले में भी रिपोर्ट लिखने से साफ इंकार कर दिया।

परेशान होकर पुलिस अधीक्षक भागवत सिंह बिरदे को जानकारी दी गई। जब एसपी के कहने पर शिकारपुरा पुलिस ने रिपोर्ट लिखी सुनील ने कहा की ऐसे मामलो में शहरवासियों को भी सतर्कता एवं सावधानी बरतना बहुत जरूरी है क्योंकि कई लोगों के रुपए बेवजह खातों से काटे जा रहे हैं।

जिसकी पुख्ता जानकारी भी खाताधारक को नहीं दी जा रही है। सुनील ने कहा की मेरे द्वारा बैंक का स्टेटमेंट भी बजाज कंपनी के लोगों को दिया गया इसमें साफ लिखा है की खाते से रुपए बजाज ने ही काटे लेकिन बजाज कंपनी के अधिकारी यह बात स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

बजाज कंपनी के लोगों का कहना है की कटौती की जानकारी हमारे पास नहीं आई। शिकायतकर्ताओं का कहना है की फाइनेंस कंपनी से फाइनेंस कराते वक्त फाइनेंस कंपनी के अधिकारी बैंक अकाउंट नंबर से लेकर हर एक जानकारी अपने पास रख लेते हैं।

उपभोक्ता भी विश्वास में आकर जानकारी दे देता है लेकिन बाद में ऐसा धोका होना बहुत गलत है। उन्होंने कहा की आगे जो कोई भी फायनेंस कराए वह उपभोक्ता सावधानी जरुर बरते ताकि उनके रुपयों को सेंध ना लगे। सभी पीड़ितों ने चेतावनी दी है की यदि रुपए वापस नहीं मिलते हैं तो वह जिला कलेक्टर सहित उपभोक्ता फोरम में भी शिकायत करेंगे और बेवजह काटे गए रुपयों को वापस लाने हेतु कोर्ट की भी शरण लेंगे।

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