अधिकारी माइंडसेट बना लें, गरीब के अधिकार को मैं छिनने नहीं दूंगा: शिवराज सिंह

अधिकारी माइंडसेट बना लें, गरीब के अधिकार को मैं छिनने नहीं दूंगा: शिवराज सिंह

भोपाल से अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।

कलेक्टर एवं डीएफओ सुन लें, कोई पात्र आदिवासी न रहे पट्टे से वंचित। बड़ी संख्या में आदिवासियों के वनाधिकार पट्टों को अमान्य करने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए सख्त निर्देश।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वनाधिकार दावों के निराकरण की समीक्षा की:

Make the officer mindset, I will not scatter the right of the poor: Shivraj Singh
Make the officer mindset, I will not scatter the right of the poor: Shivraj Singh

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अधिकारी माइंडंसेट बना लें, गरीब के अधिकारों को मैं छिनने नहीं दूंगा।

कलेक्टर एवं वनमंडलधिकारी ध्यान से सुन लें, कोई भी आदिवासी जो 31 दिसम्बर 2005 को या उससे पहले से भूमि पर काबिज है, उसे अनिवार्य रूप से भूमि का पट्टा मिल जाए। कोई पात्र आदिवासी पट्टे से वंचित न रहे। काम में थोड़ी भी लापरवाही की, तो सख्त कार्रवाई होगी।

Make the officer mindset, I will not scatter the right of the poor: Shivraj Singh
Make the officer mindset, I will not scatter the right of the poor: Shivraj Singh

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में 3 लाख 58 हजार 339 आदिवासियों के वनाधिकार दावों को निरस्त किया जाना दर्शाता है कि अधिकारियों ने कार्य को गंभीरता से लिया ही नहीं है।

आदिवासी समाज का ऐसा वर्ग है जो अपनी बात ढंग से बता भी नहीं पाता, ऐसे में उनसे पट्टों के साक्ष्य मांगना तथा उसके आधार पर पट्टों को निरस्त करना नितांत अनुचित है। सभी कलेक्टर एवं डीएफओ समस्त प्रकरणों का पुनरीक्षण करें एवं एक सप्ताह में रिपोर्ट दें। आदिवासियों को पट्टा देना ही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय में वनाधिकार पट्टों के निराकरण की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव श्रीमती पल्लवी जैन गोविल आदि उपस्थित थे।

राजस्व भूमि पर काबिज हो तो उसका पट्टा दें:

बैठक में वनाधिकार दावों की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि बहुत से ऐसे प्रकरण हैं जिनमें आदिवासी राजस्व भूमि पर काबिज हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को निर्देश दिए कि परीक्षण कराकर ऐसे आदिवासियों को राजस्व भूमि के पट्टे प्रदान किए जाएं।

160 में 153 दावे निरस्त किए:

बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिलावार वनाधिकार पट्टों के दावों की समीक्षा की। मुरैना जिले की समीक्षा में पाया गया कि वहां 160 दावों में से 153 दावे निरस्त कर दिए गए।

इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अधिकारी पट्टे देना चाहते हैं कि नहीं? गरीबों के लिए यदि इस प्रकार का कार्य किया तो सख्त कार्रवाई होगी। कटनी एवं सिवनी ज़िलों में भी कार्य में खराब प्रगति पर चेतावनी दी गई।

बड़वानी जिले की सराहना:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समीक्षा में पाया कि बड़वानी जिले में 10 हजार 438 वनाधिकार पट्टों के दावों में से 9764 आदिवासियों के पट्टे स्वीकृत किए गए। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़वानी जिले के कलेक्टर एवं डीएफओ की सराहना करते हुए बधाई दी। इंदौर जिले को भी इस कार्य में अच्छी उपलब्धि के लिए बधाई दी गई।

आदिवासी पंचायतें आयोजित करेंगे:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शीघ्र ही आदिवासी अंचलों में आदिवासी पंचायतें आयोजित की जाएंगी, जिनमें वे तथा आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह भी जाएंगी। इनमें आदिवासियों को वनाधिकार पट्टों का वितरण किया जाएगा।

गैर-आदिवासियों के भी दावे अमान्य न करें:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि जो गैर-आदिवासी भी पात्र हैं, उनके प्रकरणों को भी अकारण निरस्त न करें। उनके प्रकरणों का परीक्षण करें तथा प्रावधानों के अनुसार उन्हें भी पट्टे दिए जाएं।

भोपाल जिले की समीक्षा में पाया गया कि यहां 6794 वनाधिकार पट्टों के दावों को निरस्त किया गया है, इनमें 404 आदिवासियों के हैं, शेष सभी गैर-आदिवासी हैं।

पसंद आई खबर, तो करें शेयर