आज से बदले कई नियम: जानिए वरना होगा बड़ा नुकसान:
अजय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट।
ATM से पैसे निकालने और सेविंग अकाउंट में पैसे जमा सहित:
एक जुलाई 2020 यानी आज से भारत में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। इन बदलावों का आपकी जिंदगी पर सीधा असर पड़ेगा। इन नए नियमों से जहां एक ओर आपको राहत मिलेगी, वहीं अगर आपने कुछ बातों का ध्यान नहीं रखा तो आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।
इनमें रसोई गैस सिलिंडर, अटल पेंशन योजना, एमएसएमई का ऑनलाइन पंजीकरण, PF का पैसा निकालने का नियम, किसान सम्मान निधि में पंजीकरण, बचत खातों पर पीएनबी की ब्याज दर, ATM से पैसे निकालने पर लगने वाला चार्ज, आदि शामिल है।
आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में:
कोरोना काल में एटीएम चार्जेज (ATM Charges) और सेविंग अकाउंट्स में न्यूनतम राशि (Minimum balance) रखने की बाध्यता को 3 महीने के लिये हटा दिया था।
इसके बाद ग्राहकों को किसी भी बैंक के नजदीकी एटीएम से कितनी भी बार पैसे निकालने की छूट मिल गई। साथ ही ज्यादा ट्रांजैक्शन पर अतिरिक्त चार्ज देने की जरूरत भी नहीं रही। सरकार ने कहा था कि ये छूट इसलिए दी गई है ताकि कैश निकालने के लिए लोगों को घर से दूर ना जाना पड़े। ये दोनों छूट 30 जून 2020 तक के लिए थीं यानी आज से ये नियम बदल जाएंगे।
अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर पेनाल्टी:
देश में हर बैंक सेविंग अकाउंट में न्यूनतम राशि रखवाते हैं. मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर ग्राहकों पर पेनाल्टी (Penalty) लगाई जाती है। केंद्र की ओर से मिनिमम बैलेंस को लेकर मिली छूट खत्म होने के बाद अब तक किसी भी बैंक ने इसे आगे बढ़ाने की घोषणा नहीं की है। वहीं, वित्त मंत्रालय की ओर से भी इसे जारी रखने की कोई जानकारी नहीं आई है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब एटीएम चार्जेज और मिनिमम बैलेंस की छूट बंद हो जाएगी।
ATM से पैसे निकालने पर लगेगा चार्ज:
कोरोना वायरस महामारी की वजह से वित्त मंत्रालय ने छूट दी थी कि 30 जून तक किसी भी बैंक के डेबिट या एटीएम कार्ड से किसी अन्य बैंक के एटीएम से नकदी निकालने पर चार्ज नहीं लगेगा। बता दें कि सामान्य तौर पर दूसरे बैंक के एटीएम से एक निश्चित संख्या तक ही पैसे निकाले जा सकते हैं, उसके बाद निकासी पर चार्ज लगता है।
लेकिन एक जुलाई 2020 से एटीएम से पैसा निकालने के इस नियम में बदल हो रहा है। एटीएम से पैसा निकालने के लिए सभी ट्रांजेक्शन चार्ज फिर से लागू होंगे। मेट्रो शहर में हर महीने आठ और गैर मेट्रो शहरों में 10 बार से ज्यादा पैसे निकालने पर शुल्क देना होगा।
एटीएम ट्रांजैक्शन लिमिट से जुड़े नियम:
आमतौर पर कोई भी बैंक एक महीने में 5 बार फ्री में लेनदेन करने की सुविधा देते हैं। अन्य बैंकों के एटीएम के लिए यह लिमिट 3 बार की ही होता है। इस लिमिट से ज्यादा बार एटीएम ट्रांजैक्शन करने के लिए बैंक ग्राहकों से 8 से 20 रुपये तक का अतिरिक्त चार्ज वसूलते हैं। यह चार्ज इस बात पर भी निर्भर करता है कि ग्राहक ने कितनी रकम का लेनदेन किया है।
दरअसल, जब ग्राहक तय संख्या से ज्यादा बार दूसरे बैंक के एटीएम से ट्रांजैक्शन करते हैं तो उनके बैंक को एटीएम चलाने वाले बैंक या कंपनी को इंटरचेंज फी देनी होती है। हालांकि, एटीएम चार्जेज काफी कम होते हैं. इसलिए अपने एटीएम से ही पैसे निकालने के चक्कर में कोरोना वायरस का जोखिम उठाने की जरूरत नहीं है।
एमएसएमई का ऑनलाइन पंजीकरण:
सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम (एमएसएमई) 1 जुलाई से ऑनलाइन पंजीकरण करा सकेंगे। सरकार ने इस संदर्भ में बताया था कि यह पंजीकरण स्वघोषित जानकारियों के आधार पर होगा, इसके लिए दस्तावेज अपलोड करने की जरूरत नहीं होगी।
मामले से जुडे़ अधिकारी ने बताया कि उद्यमों के पंजीकरण की प्रक्रिया आयकर और जीएसटी के साथ जोड़ी जा रही है। यहां दी गई जानकारियों का सत्यापन पैन नंबर और जीएसटीआईएन के विवरण से किया जाएगा।
उद्यमों को सिर्फ आधार नंबर के जरिए पंजीकरण की सुविधा दी जाएगी और सभी जानकारियां स्वघोषित होंगी। इसके लिए किसी प्रकार के पेपरवर्क या दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी। पंजीकरण मंत्रालय द्वारा तय एमएसएमई की नई परिभाषा के आधार पर होगा।
कोरोना काल में PF का पैसा निकालने की आखिरी तारीख:
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन में पीएफ से पैसा निकालने के लिए नियमों के कई ढील दी हैं। अगर आप अपने पीएफ अकाउंट से कुछ राशि निकालना चाहते हैं तो एक जुलाई से होने जा रहा ये बदलाव महत्वपूर्ण है।
लोगों के पास नकदी की किल्लत को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने ईपीएफ से आपात निकासी की सुविधा दी थी। जिसमें आवेदन का 30 जून को आखिरी दिन है। अंशधारक किस खाते से मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 3 गुना अथवा कुल जमा राशि का 75 फीसदी दोनों में जो कम हो वह रकम निकाल सकते हैं।
खाते में न्यूनतम बैलेंस जरूरी:
जुलाई से बचत खाते में मिनिमम बैलेंस में छूट का नियम खत्म हो जाएगा। अगर खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहता है, तो बैंक इसपर पेनाल्टी वसूल सकेगा। अभी मेट्रो सिटी, शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अलग-अलग बैंकों में बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की लिमिट अलग-अलग है।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के खातों पर मेट्रो शहरों में 3,000, अर्ध-शहरी क्षेत्र में 2,000 और ग्रामीण क्षेत्र में 1,000 रुपये मिनिमम बैलेंस जरूरी है। वहीं एचडीएफसी बैंक में यह राशि क्रमश: 10 हजार, 5 हजार और 2.5 हजार है।
बचत खातों पर पीएनबी की ब्याज दर:
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने बचत खाताधारकों को एक जुलाई से कम ब्याज देगा। बचत खातों में मिलने वाली ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती की जानी है। ये कटौती एक जुलाई से लागू होगी।
इसके बाद बैंक के बचत खाते पर अधिकतम 3.25 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा। पीएनबी के बचत खाते में 50 लाख रुपये तक जमा पर तीन फीसदी सालाना और 50 लाख से ज्यादा जमा पर 3.25 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलेगा।
बदलेगी रसोई गैस सिलिंडर की कीमत:
अब देश में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत भी बदल जाएगी। हर माह की पहली तारीख को देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इसमें बदलाव करती हैं। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं।
हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं। एक जून को 19 किलोग्राम और 14.2 किलोग्राम वाले गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर के दाम बढ़े थे।
आईओसीएल की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 11.50 रुपये महंगा हुआ था। इसके बाद इसकी कीमत 593 रुपये हो गई थी, जो उससे पहले 581.50 रुपये थी। कोलकाता में इसका दाम 584.50 रुपये से बढ़कर 616 रुपये हो गया था, मुंबई में यह 579 रुपये से बढ़कर 590.50 रुपये हो गया था। वहीं चेन्नई में यह मई में 569.50 रुपये का था, जो एक जून को 606.50 रुपये का हो गया था।
अटल पेंशन योजना में बड़ा बदलाव:
अगर आप अटल पेंशन खाताधारक हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि एक जुलाई से सरकार ने अटल पेंशल योजना में क्या बदलाव करने का एलान किया है।
एक जुलाई से अटल पेंशन योजना के खातों में से मासिक योगदान का ऑटो डेबिट होना शुरू हो जाएगा। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बैंकों को अटल पेंशन योजना के ऑटो डेबिट को 30 जून तक रोकने का निर्देश दिया था।
जिसके आधार पर अब एक जुलाई से ऑटो डेबिट सुविधा एक बार फिर शुरू हो जाएगी। दरअसल अप्रैल में पीएफआरडीए ने कोरोना वायरस को देखते हुए ये फैसला लिया था। इस स्कीम के तहत ज्यादातर सब्सक्राइबर्स समाज के निचले तबके के हैं और कोरोना के बीच लॉकडाउन की वजह से ये लोग ज्यादा संकट का सामना कर रहे हैं।
पीएफआरडीए के हाल ही के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जुर्माने का ब्याज उस स्थिति में नहीं लगेगा, जब सब्सक्राइबर की पेंशन स्कीम अकाउंट को 30 सितंबर 2020 से पहले नियमित किया जाता है।
सामान्य तौर पर बैंकों की ओर से योगदान में देरी होने पर जुर्माना इकट्ठा किया जाता है। अटल पेंशन स्कीम के आधिकारित बेवसाइट के अनुसार इसमें 100 रुपये प्रति महीने तक पर एक रुपये प्रति महीने का चार्ज है।
इसके अलावा 101 रुपये और 500 रुपये के बीच पर दो रुपये प्रति महीना है। 501 रुपये और 1000 रुपये के बीच योगदान होने पर पांच रुपये प्रति महीने का जुर्माना है। 1,001 रुपये को पार करने पर दस रुपये प्रति महीने का जुर्माना लगेगा।
सबका विश्वास योजना का नहीं मिलेगा लाभ:
सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े पुराने लंबित विवादित मामलों के समाधान के लिए पेश की गई सबका विश्वास योजना के भुगतान की आखिरी तारीख 30 जून है। एक जुलाई यानी कल से आप इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। सबका विश्वास योजना टैक्स विवाद की हर परेशानी का समाधान है।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 जून के बाद वो इस स्कीम की डेडलाइन नहीं बढ़ाएगी।
इस संदर्भ में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्कर बोर्ड (CBIC) ने ट्वीट कर जानकारी दी थी। इस स्कीम के तहत 90,000 करोड़ रुपये के 1.9 लाख डिक्लेरेशन फाइल किए गए हैं। अगर 30 जून 2020 तक भुगतान नहीं किया तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
किसान सम्मान निधि में पंजीकरण:
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मोदी सरकार की तरफ से हर साल किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6000 रुपये दिए जाते हैं। अब तक पांच किस्तें किसानों को भेजी जा चुकी हैं।
योजना में 30 जून तक पंजीकरण करा सकते हैं। अगर 30 जून तक वह ओवदन कर देते हैं और उनका आवेदन स्वीकार हो जाता है तो जुलाई में आपको 2000 रुपये मिलेंगे और साथ में अगस्त में भी आपको दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये और मिल जाएंगे।
म्यूचुअल फंड की खरीद पर लगेगी स्टांप ड्यूटी:
एक जुलाई से म्यूचुअल फंड खरीदने पर निवेशकों को उस पर स्टांप ड्यूटी भी देनी होगी। चाहे आप सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) और सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए भी म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हो, तब भी आपको स्टांप ड्यूटी देनी होगी।
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हालांकि म्यूचुअल फंड की निकासी पर निवेशकों को स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। यह स्टांप ड्यूटी डेट और इक्विटी सभी तरह के म्यूचुअल फंड पर लगेगी। स्टाम्प ड्यूटी लगने का असर सबसे ज्यादा डेट फंड पर देखने को मिलेगा। म्यूचुअल फंड की खरीद पर 0.005 फीसदी की दर से स्टांप ड्यूटी लगेगी। इसके अलावा म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर करने पर 0.015 फीसदी की स्टांप ड्यूटी लगेगी।
स्टांप ड्यूटी के लगने से 90 दिन और इससे कम अवधि वाले होल्डिंग पर ज्यादा असर पड़ेगा। डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट के लिए स्टांप ड्यूटी डिविडेंड की राशि पर टीडीएस घटाने के बाद लगेगी। डिविडेंड खरीदने पर स्टांप ड्यूटी खरीद की राशि पर लगेगी जो ट्रांसफर चार्ज से कम होगी।
उदाहरण के लिए समझें कि मान लीजिए आपने एक लाख रुपये की राशि की खरीद की है और उस पर 100 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज लगा तो शुद्ध खरीद की लागत हो गई 1,00,100 रुपये लेकिन स्टांप ड्यूटी सिर्फ खरीद की राशि यानि कि एक लाख रुपये पर लगेगी 1,00,100 पर नहीं और 0.005 की दर से इसका खर्च पांच रुपये होगा।