जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में खुले उच्च शिक्षा के द्वार।

जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में खुले उच्च शिक्षा के द्वार।

सूरजपुर से पप्पू जायसवाल की रिपोर्ट।

महाविद्यालय के लिए कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा ने 20 एकड़ भूमि का किया आवंटन।

सूरजपुर। जिले में शिक्षा के प्रसार को लेकर राज्य सहित जिला प्रशासन महत्वपूर्ण कार्यवाही कर रही है। जिले में केन्द्रीय विद्यालय और डाईट काॅलेज के बाद अब जिले के ओड़गी विकासखंड के सूदुरवर्ती क्षेत्र चांदनी बिहारपुर में शासकीय महाविद्यालय स्थापित किये जाने हेतु कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा के द्वारा 20 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया है, जिसमें जल्द ही निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा।

Door for open higher education in remote areas of the district.

बता दें कि जिले का यह भाग दुरस्थ क्षेत्रों में आता है जो छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है, चांदनी बिहारपुर क्षेत्र सूरजपुर जिले के ओड़गी विकासखंड के अंतर्गत है। जिसमें रहने वाली जनजातियां काफी पिछड़ी और गरीब हैं, इसमें विशेष तौर पर पण्डो जनजाति भी है, जिसे स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ.राजेन्द्र प्रसाद के दत्तक पुत्रों का भी दर्जा प्राप्त है।

इन सभी जनजातियों के पिछड़ेपन का सीधा कारण शिक्षा है, जो दुरस्थ क्षेत्र होने के कारण ग्रामों में ही सीमट कर रह जाती है, ज्यादा से ज्यादा यहाँ के बच्चे 12 वीं तक की शिक्षा ही प्राप्त करते हैं। इसके बाद खेती, मजूदरी का काम करने लग जाते हैं।

इन क्षेत्रों से निकलकर शहर को आना और उच्च शिक्षा प्राप्त करना यहाँ के रहवासियों के लिए संभव नहीं हो पाता है।

इन्हीं सब परिस्थितियों को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री उमेश पटेल के निर्देशन में दुरवर्ती क्षेत्र में महाविद्यालय की स्थापना को स्वीकृती प्राप्त हुई। जिसके बाद कलेक्टर श्री रणवीर शर्मा के द्वारा 20 एकड़ भूमि का आवंटन काॅलेज निर्माण के लिए किया गया है। काॅलेज बनने से क्षेत्र में ही रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने से यहाँ की जनजातियों के बच्चे पिछड़ेपन से उपर उठकर विकास की राह पर अग्रसर होंगे।

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