शिवरीनारायण में पूरी हो चुकी तैयारी गद्दी महोत्सव की।
शिवरीनारायण से योगेश गुप्ता की रिपोर्ट।
फूलों की माला और विद्युत की रोशनी से जगमगा उठा महोत्सव स्थल।
महानदी, शिवनाथ एवं जोक नदी के पवित्र त्रिवेणी संगम तट पर युग- युगांतर से विराजित भगवान श्री शिवरीनारायण की पावन धरा में गद्दी महोत्सव का पर्व विजयादशमी के उपलक्ष में रविवार की शाम हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जावेगा। विदित हो कि शिवरीनारायण अध्यात्म एवं संस्कृति की पावन धरा है। यहां युग युगांतर से भगवान शिवरीनारायण विराजित हैं सदियों से यहां गद्दी महोत्सव मनाने की परंपरा का निर्वाह निरंतर होते चले आ रहा है। इसी तारतम्य में 25 अक्टूबर दिन रविवार की शाम महोत्सव अत्यंत ही श्रद्धा भक्ति के साथ सादगी पूर्वक आयोजित होगा। गद्दी महोत्सव की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके लिए आयोजन स्थल को फूलों की माला और विद्युत की रोशनी से बेहतरीन तरीके से सजाया गया है। महामंडलेश्वर के पद से विभूषित, श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री डॉक्टर महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज का विजयदशमी के पावन पर्व पर अत्यधिक व्यस्ततम कार्यक्रम रहेगा। वे सुबह 8:30 बजे मठपुरैना रायपुर स्थित रावणभाटा में आयोजित दशहरा महोत्सव के कार्यक्रम में शामिल होंगे 10:00 बजे यहां से कार्यक्रम संपन्न होने के पश्चात वे दूधाधारी मठ पहुंचेंगे, यहां शस्त्र पूजन के पश्चात वे श्री जैतू साव मठ पहुंच कर आध्यात्मिक कार्यक्रम को संपन्न करेंगे। दोपहर 2:30 बजे उनका आगमन श्री दूधाधारी मठ होगा। यहां से अपराहन 3:00 बजे रवाना होकर वे शाम 5 बजे शिवरीनारायण मठ पहुंचेंगे। शिवरीनारायण मठ से शाम 5:30 बजे भव्य शोभायात्रा मेला ग्राउंड स्थित जनकपुर के लिए रवाना होगी। आध्यात्मिक पूजा अर्चना संपन्न होने के पश्चात वे पुनः शिवरीनारायण मठ पहुंचेंगे। तत्पश्चात विधिवत गद्दी महोत्सव प्रारंभ होगा। श्री शिवरीनारायण भगवान के दर्शन पूजन के साथ इस महोत्सव का समापन शिवरीनारायण मठ में होगा। आगंतुक नगर वासियों एवं श्रद्धालुओं से मुलाकात करेंगे। यहां यह उल्लेखनीय है कि शिवरीनारायण मठ में अत्यंत ही श्रद्धा भक्ति के साथ सादगी पूर्वक गद्दी महोत्सव मनाया जाता है। इसमें आसपास के क्षेत्रवासियों के अतिरिक्त नगर निवासी बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
कारण कि नगर निवासियों के प्रत्येक घर के सुख- दुख में राजेश्री महन्त जी महाराज निरंतर समय निकालकर शामिल हुआ करते हैं। इसलिए मठ मंदिर में आयोजित होने वाले सभी आध्यात्मिक कार्यक्रम में नगरवासी भी बड़े ही आत्मीयता पूर्वक, श्रद्धा भक्ति के साथ उपस्थित होकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह संस्कारित धार्मिक तीर्थ स्थल है जिसका उल्लेख सदियों से वेद पुराणों में भी होते आया है। महोत्सव में शामिल होने वाले प्रत्येक श्रद्धालु एवं आम जनता से शासन-प्रशासन के नियमों का पालन करते हुए अनिवार्य रूप से मास्क लगाकर शामिल होने की अपील की गई है।