रहटगांव युवा अगर ठान ले तो नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकते हैं।
रहटगांव से निलेश गौर की रिपोर्ट।
ऐसा ही कुछ मामला हरदा जिले के रहटगांव तहसील के वन क्षेत्रों में देखा जा रहा है। जहां युवाओं की एक पहल क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए जीजान से जुटी है मामला है रहटगांव वन क्षेत्र का जहां पर इस समय संस्था चिराग गरीब आदिवासी बच्चों को शिक्षा और रोजमर्रा की जरूरतों की चीजों को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है। संस्था चिराग अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की मदद कर रही है और बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा भी उपलब्ध करा रही है। युवाओं की इस पहल की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। छोटे छोटे नन्हे मुन्ने गरीब बच्चों को नि:शुल्क स्वेटर और नि:शुल्क शिक्षा देकर उनके भविष्य को तराशने का प्रयास संस्था चिराग कर रही है।
संस्था चिराग के प्रमुख अर्पित तिवारी ने बताया कि कई गांव ऐसे हैं जहां पर वास्तविकता में जरूरतमंद बच्चे नजर आते हैं और जिनके पास कई चीजों की कमी नजर आती है। बच्चों में पढ़ने की ललक बहुत है पर कुछ व्यवस्थाओं की कमी उन बच्चों को उनके गांव तक ही सीमित रखती है। वहां बच्चे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं ऐसे में संस्था चिराग यह प्रयास कर रही है कि गरीब तथा आदिवासी बच्चों तक वास्तविकता में शिक्षा पहुंचे ताकि उनका भविष्य उनके गांव तक ही सीमित ना रह कर बाहर भी निकल कर आए। आज एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए हर वर्ग को पढ़ना जरूरी है तो फिर आदिवासी वर्ग के बच्चे क्यों शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। संस्था चिराग का एकमात्र उद्देश्य है कि गरीब तबके का बच्चा अगली पंक्ति में खड़ा हो। वह केवल गरीब होने के कारण ना पिछड़े।
संस्था चिराग ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की मदद केवल इसलिए कर रही है ताकि बच्चों को शिक्षा के प्रति उत्साह मिले। पढ़ने के लिए स्कूल जाएं घर पर पढ़ाई कर क्योंकि जब गरीब तबके का बच्चा मजदूरी करता है। होटलों पर काम करता है तो देख कर मन को बड़ी पीड़ा होती है। संस्था चिराग चाहती है कि बच्चे सिर्फ गांव में ही रह कर अपना भविष्य खराब ना करें वह भी आगे बढ़ें पड़ें और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपनी अहम भूमिका अदा करें।
संस्था चिराग ने वन क्षेत्रों के गांव गोराखाल, मालेगांव, बोरपानी, चंद्रखाल, राजाबरारी, कायदा केलझिरी आदि गांव में संस्था के द्वारा गरीब तथा आदिवासी बच्चों को नि:शुल्क स्वेटर वितरण की गई और साथ में संस्था के युवाओं ने कहा कि हमारी मदद हमेशा जारी रहेगी। सिर्फ आवश्यकता है तो बच्चों को केवल आगे आने की। संस्था चिराग नि:स्वार्थ भाव से आगे भी अपनी सेवा गरीब तथा जरूरतमंद लोगों के बीच जारी रखेगी।
रहटगांव से निलेश गौर की रिपोर्ट।