अतिथि प्राध्यापकों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पन्द्रहवें दिन भी जारी।
छत्तीसगढ़ शिवरीनारायण से अशोक गुप्ता की रिपोर्ट।
शिवरीनारायण। महाविद्यालयीन अतिथि प्राध्यापक अपनी नियुक्ति निरंतरता और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश की राजधानी रायपुर में बूढ़ा तालाब के पास अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं। अतिथि प्राध्यापक चन्द्रशेखर तिवारी का कहना है कि शासन हमें हर वर्ष केवल सात आठ माह की नौकरी देते हैं और वेतन भी कम दिया जाता है। इसके बावजूद भी हम महाविघालयों में पूरी निष्ठा से अपनी सेवा देते हैं। मार्च 2020 से हमें व्यवस्था से पृथक कर दिया है और हमें वेतन भी नहीं दिया जा रहा है। हम लोग पिछले नौ महीनों से बेकार हैं, हमें शासन से महाविघालयों में शीघ्र ही नियुक्ति का इंतजार है। शासन 01 नवम्बर से प्रदेश के सभी महाविघालयों में ऑनलाइन क्लास प्रारंभ करने का आदेश प्राचार्यों को दिये हैं लेकिन अतिथि प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में कोई दिशा निर्देश प्राचार्यों को नहीं दिया गया है जिसके कारण अभी तक हमारी नियुक्ति महाविघालयों में नहीं हो पायी है जिससे हमारी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है। महाविघालयों में प्राध्यापकों की कमी से छात्रों की पढ़ाई ठप्प है। इसके बावजूद भी सरकार को न तो अतिथि प्राध्यापकों की दयनीय स्थिति पर तरस आ रहा हैं और न ही छात्रों की पढ़ाई को लेकर गम्भीर है। अतिथि प्राध्यापक रंगनाथ यादव ने कहा कि हमारे अतिथि प्राध्यापकों में ऐसे कई अतिथि प्राध्यापक हैं जो अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही शासन की व्यवस्था के तहत छ.ग. के शासकीय महाविघालयों में अध्यापन कार्य कराते आ रहे हैं और ऐसे प्राध्यापकों को महाविघालयों में सेवा देते 20 से 25 वर्ष हो गये हैं और उनकी स्वयं की आयु 50 वर्ष से अधिक हो गयी हैं। यदि शासन ऐसे प्राध्यापकों की सेवा समाप्त कर देंगे तो ऐसे प्राध्यापकों एवं उनके परिवार का भविष्य पूरा अंधकारमय होगा।
कांग्रेस सरकार की “अब होगा न्याय” और अनियमित कर्मचारियों को नियमित किए जाने की चुनावी वायदे घोषणा से कांग्रेस सरकार से हमें नियमित किए जाने की काफी आस बंधी थी लेकिन सरकार की ऐसी नकारात्मक कार्यशैली से हमें काफी निराशा हाथ लगी है। इसलिए प्रदेश के हम सभी अतिथि प्राध्यापक अपनी नियुक्ति, निरंतरता, एकमुश्त वेतन और नियमितिकरण की मांग को लेकर 07 नवम्बर से रायपुर के बूढ़ा तालाब के पास अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं जो हमारी मांग पूरी होने तक जारी रहेगी। पिछड़ा वर्ग के सलाहकार मंडल के पूर्व सदस्य डॉक्टर शांति कुमार कैवर्त्य ने इन अतिथि प्राध्यापकों के इस अनिश्चित कालीन धरना-प्रदर्शन का समर्थन करते हुए अतिथि प्राध्यापकों से अपील की है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा यथा समय इस पर उचित कार्यवाही नहीं की गई तब इस आंदोलन-अभियान का विस्तार कर जेल भरो आंदोलन किया जाए। इस हेतु डॉ.कैवर्त्य ने समर्थन-सहयोग की बात कही है।