ज्ञान विज्ञान का अनमोल खजाना हैं पुस्तकालय।
छपरा से शकील हैदर की रिपोर्ट।
छपरा। प्राचीन काल से ही पुस्तकालय समाज के विचार और वैज्ञानिक विकास में सहायक रहे हैं। इतिहास से पता चला है कि केवल ज्ञान और विचार एक उम्र के समग्र विकास में हस्तक्षेप कर सकते हैं। पुस्तकें ज्ञान और ज्ञान का खजाना हैं। किसी भी समाज में पुस्तकालय शांति और मित्रता का माहौल बनाता है। जो लोगों के दिमाग में रचनात्मक प्रवृत्ति देता है और वे सभ्यता के साथ परिचित होने के साथ एकता और सद्भाव में रहने की कला सीखते हैं। यह बातें जे पी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.फारूक अली ने पीजी के उर्दू विभाग में किताबों का लोकार्पण करते हुए कहीं। उन्होंने ने कहा कि उर्दू विभाग के शिक्षकों की मदद से बरेली के रजा अकेडमी की तरफ से ढाई सौ किताबें दी गई हैं।
किताब उस खिड़की की तरह होता है जिससे रोशनी घर के अंदर आती है। उन्होंने इस काम के लिए उर्दू विभाग के शिक्षकों खास कर अब्दुल मालिक को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब्दुल मालिक ने अपने कोशिश और प्रभाव से इन कीमती किताबों को उर्दू विभाग की शोभा बनाया है। इस के साथ ही उन्होंने उर्दू विभाग के अध्यक्ष डाक्टर अरशद मसूद हाश्मी, असोसिएट प्रो० डाक्टर मजहर किबरिया को धन्यवाद दिया।
उन्होंने ने कहा कि अब छात्रों को इन किताबों से फ़ायदा उठाना चाहिए और अपने अध्ययन को गति प्रदान करना चाहिए। मौके पर उर्दू विभाग के अध्यक्ष डाॅ अरशद मसूद हाशमी ने बताया कि ये किताबें बरैली के रजा एकेडमी के द्वारा दान दिया गया है।
इस अवसर पर ए एम हाशमी, डॉ अब्दुल मालिक, डॉ मजहर किबरिया, डॉ सैयद रजा, प्रो लक्ष्मण सिंह, प्रो अब्दुल रफीक, प्रो मुस्लिम के अलावा अधिक संख्या में लोग मौजूद थे।
उधर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पी जी डिपार्टमेंट के इंग्लिश विभाग में डॉ गजेन्द्र कुमार के तत्वाधान में रौनक हसनैन का भी वाइवा हुआ। उन्हें भी Phd की डिग्री देकर डॉ रौनक हसनैन का दर्जा दिया गया। ये पटना के डॉ आफताब आलम की पत्नी हैं जो मदरसा इस्लामिया समशुल्हुदा में वाइस प्रिंसिपल पर कार्यरत हैं।