भारत बंद का शहर में सुबह दिखा असर दोपहर में पूरी तरह गुलजार हुआ बाजार।
पिपरिया से ब्रजेन्द्र रघुवंशी की रिपोर्ट।
पिपरिया। शहर में 8 दिसंबर दिन मंगलवार को किसानों द्वारा भारत बंद के आह्वान पर किसानों के सम्मान में काँग्रेस मैदान में।
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा दिल्ली में जारी आंदोलन एवं भारत बंद का समर्थन करते हुए साथ ही इस बिल को काले कानून का नाम दे विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी के बेनर तले किसानों और कांग्रेसजनों ने मंगलवारा चौक पर धरना प्रदर्शन नारेबाजी के साथ विरोध प्रदर्शन कर इस बिल को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार श्री राजेश बोरासी को नगर के सुभाष चौक पर ज्ञापन सौंपा।
भारत बंद का असर पिपरिया शहर में केवल दोपहर तक ही देखने को मिला। लोगों को अति आवश्यक वस्तुओं जैसे फल, सब्जी, दूध, दवा, पेट्रोल पंप, गैस, आदि छोड़कर 1:00 बजे तक कुछ छुटपुट दुकानों को छोड़कर पूरी तरह बाजार बंद रहा साथ ही इस बंद का समर्थन मजदूर संघ ने भी किया जिससे कि कृषि उपज मंडी भी बंद रही। सुबह से ही कुछ किसानों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट हो शामिल हुए वाहनों के माध्यम से शहर की सडकों पर घूमते रहे जिन छुटपुट दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान खोले हुए थे उनसे दुकाने बंद करने की अपील की गई, हालांकि1:00 बजे के बाद अधिकांश दुकाने खुल चुकी थी लेकिन इस बंद का केवल सुबह से एक बजे तक ही व्यापक असर देखने को मिला। उसके बाद तो लगभग पूरी तरह बाजार गुलजार हो चुका था। चूंकि शादियों का सीजन चल रहा है। लोगों को रोजमर्रा की वस्तुओं को क्रय करने के साथ चाय पान नास्ते के लिये भी दोपहर तक इंतजार करना पड़ा। इस बंद के दौरान अधिकांश दुकानदार अपनी दुकानों के सामने बैठे मिले जिनमें किसी के हाथ में अखबार था तो कोई आपसी चर्चाओं में अलमस्त दिखा।
किसान आंदोलन के मंथन एवं भारत बंद का समर्थन कर ज्ञापन सौंपने वालों में दिलीप पालीवाल, मनीष शाह, डॉक्टर सतीश कटकवार, तुलाराम बेमन, हरीश बेमन, श्रीमती सीमा कटकवार, आदित्य पलिया, धर्मेंद्र सिंह नागवंशी, सुमंगल सिंह राजपूत, रमेश पटेल, साकेत सोनी, हर्ष कटकवार, हेमराज पटेल, कोमल सिंह मेहरा, प्रवेश मिश्रा, फहीम अब्दुल्ला , दंगल सिंह पटेल, रज्जाक खान, युसूफ अली, विनोद नायक, माधोसिंह पटेल सहित और भी अन्य कांग्रेसजन एवं किसान शामिल रहे।