सुपरवाईजर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के प्रयास से माही बनी लाड़ली।
हरदा से सैयद अरबाज़ अली चिश्ती की रिपोर्ट।
हरदा। हरदा 14 दिसम्बर 2020/ आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए शासन द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन्हीं में से एक है लाडली लक्ष्मी योजना। यह कहानी है ग्राम हंडिया निवासी श्रीमती दया पति श्री विनोद केवट की।
ग्राम हंडिया आंगनवाड़ी क्रमांक 1 में लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही श्रीमती दया पति श्री विनोद केवट, जिनकी पहली संतान लड़का है तथा दूसरी बालिका माही ने 17 जनवरी 2019 में जन्म लिया। दया के परिवार में सभी लोग साथ मिलकर रहते हैं। इनके पति मछुआरे का काम करते हैं। मछलियों को पकड़कर उन्हें बेच कर उससे अपना जीवन यापन करते थे। दया की बेटी जब एक माह की हुई, तब से ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सुपरवाईजर द्वारा गृह भेंट करके दया एवं उसके परिवार वालों को नसबंदी कराने की सलाह दी गई किन्तु माही के मम्मी-पापा बार-बार कहने पर नहीं मान रहे थे। माही के दादा-दादी का कहना था कि अभी हमें एक बेटा और चाहिए। दया के पति का कहना था, मेरी पत्नी बहुत कमजोर है। फिर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा दया से बात कर उन्हें लाड़ली लक्ष्मी योजना की पूरी जानकारी दी गई। उसके परिवार को लाड़ली लक्ष्मी योजना से बालिका को होने वाले फायदों की जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि बालिका शिक्षित होगी तो कम उम्र में विवाह नहीं होगा। माही को पढ़ाई करने पर समय-समय पर पैसे मिलेंगे, ताकी वह आगे भी पढ़ सके। ऐसी गरीबी में आपके दो बच्चे रहेंगे, जिसका लालन-पालन तुम ठीक तरह से कर सकोगे। इस पर दया ने बताया कि उसके मम्मी-पापा भी चाहते हैं कि मैं नसबंदी करा लूं, फिर आगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा श्रीमति दया के मम्मी-पापा से भी बात की गई। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सुपरवाईजर द्वारा बार बार उन्हें समझाया गया तब उनके परिवार वाले नसबंदी के लिए तैयार हुए। दया का ऑपरेशन फरवरी 2020 में हुआ, जो लाड़ली लक्ष्मी योजना देरी लंबित प्रकरण में आ गया। सुपरवाईजर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के अथक प्रयास के बाद एक गरीब घर की बेटी माही को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिला। माही पिता विनोद केवट लाड़ली लक्ष्मी योजना में 12 फरवरी 2020 को पंजीकृत हुई।