बहुजन समाज पार्टी द्वारा कलेक्टर को सौंपा महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन।
छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख ईश्वर जांगड़े की खास रिपोर्ट।
बिलासपुर। अनुसूचित जाति जनजाति वर्गों की पदोन्नति में आरक्षण मामले को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय सहित नागराज प्रतिवेदन जरनैल सिंह में आए निर्णय के अनुसार राज्य सरकार को नियम 5 प्रतिपादित करने स्वतंत्रता प्रदान की।
राज्य शासन को कर्नाटक स्टेट की तरह यहां भी कोर्ट की मंशा के अनुरूप कमेटी बनाने अपील की है। राज्य शासन ने दबाव में आकर मनोज कुमार पीलवा सचिव लोक निर्माण विभाग की अध्यक्षता में क्वांटिफाएबल डाटा कमेटी गठित की लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी कमेटी अब तक रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कर पाई। यह कृत्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के संवैधानिक अधिकारों के प्रति घोर लापरवाही को दर्शाता है।
माननीय उच्च न्यायालय ने 2/12/ 2020 को सुनाए अपने फैसले में आगामी 27/01/2021 को पदोन्नति में रिजर्वेशन केस की अंतिम सुनवाई करने आर्डर पास किया है। साथ ही कमेटी की रिपोर्ट सहित रिपोर्ट 5 प्रस्तुत करने समय सीमा प्रदान की गई है।
इस विषय अंतर्गत श्री राम विलास खूटे के द्वारा बहुजन समाज पार्टी को गलत आधार पर एफ आई क्रमांक 734/2020 दिनांक 20/10/2020 दर्ज करने एवं विभिन्न फोन नंबरों पर धमकी देने के उचित सहयोग एवं कार्यवाही हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है। कथित घटना पर जो इतिहास प्राचीन लेख साहित्य आदि है संविधान में वैज्ञानिक सोच विकसित करने एवं समाज को चेतना पूर्ण करने के लिए जागृत जीत जैसे हर समाज व वर्ग के लोग समय-समय करते हैं वैसे गाया गया है। इसी गाने की रिपोर्ट दर्ज की गई है जो पूर्णता खात्मा खारिज योग्य है। यह कि इस आधार पर उचित अन्वेषण कर शीघ्र ही न्याय पूर्ण कार्यवाही करने का आदेश देने की विशेष कृपा करें। विभिन्न फोन नंबर से आए धमकी के आधार पर सभी के विरुद्ध अलग अलग अपराध दर्ज करने का आदेश देने की मांग रखी गई।