सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केन्द्र पर गौ आधारित खेती और उद्योग पर हुई कार्यशाला।
सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केंद्र से ब्रजेश रिछारिया की रिपोर्ट।
सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केन्द्र राष्ट्रीय अभ्यारण्य के रूप में दिखाई दे रहा है – डॉ अजीत जी केलकर।
सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केंद्र पर आज दिनांक 21 जनवरी को ऐतिहासिक अध्याय जुड़ा है। जहां अभिनव ए एच आर डी ओ इंदौर, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य डॉ अजीत केलकर, बंधु वैज्ञानिक श्री रवि केलकर और वैज्ञानिक श्री अविनाश करमरकर सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केन्द्र में पधारे। देश भर में केलकर बंधु के नाम से विख्यात हैं।
बंधुओं के यहां पधारने से सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केन्द्र पर पायलट प्रोजेक्ट की नींव डलने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। अभ्यारण्य को स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने में केलकर बंधु का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। जिससे देश के लाखों करोड़ों किसानों का भाग्य बदलने का समय नजदीक दिखाई दे रहा है।
माननीय केलकर बंधुओं के आगमन पर गौ अभ्यारण्य परिवार की ओर से तिलक लगाकर वंदन किया गया। नवीन गुठान में बनी श्रेणियों और गौ माताओं को देखकर केलकर बंधु अभिभूत हुए। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बाल गौपालों को खिलाया और गौ माताओं को गौग्रास खिलाया तत्पश्चात गौ माता की पूजन अर्चन कर पुष्प माला पहनाकर गौ आरती की।
उपस्थित गौ सेवकों और किसानों को गौ आधारित किसानी का प्रशिक्षण दिया। जिसमें उन्होनें गौबर, गौ मूत्र से बनने वाले विभिन्न प्रकार के जैविक उत्पादों को बनाने की जानकारी दी और सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य को स्वावलंबन, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि अभ्यारण्य परिवार ने गाय की दशा बदलकर दिशा दी है। जो देश का भाग्य बदलने में मददगार साबित होगा। देश का रोल मॉडल बनने की बात करते हुए सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य को राष्ट्रीय गौ अभ्यारण्य की संज्ञा दी।
उन्होंने गौ माता का महत्व बताते हुए गाय के गौबर में लक्ष्मी का वास बताया। ईश्वर की प्रार्थना पर गौ माता ने उन्हें अपने शरीर में स्थान दिया। किसानों से कहा कि खेतों में गोबर का उपयोग करोगे तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी। उन्होंने कृषि व्यवस्था में अमूल-चूल परिवर्तन लाने की अपील की। जिसमें गाय के गोबर को धरतीमाता का असली भोजन बताया। वहीं रवि जी ने भी सरल शब्दों में गौ आधारित खेती करने के सुझाव दिए और सभी को जैविक खेती करने का संकल्प दिलाया। केलकर बंधुओं ने सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य पर तकनीक पर कार्य करने हेतु संकल्प लिया कि खेती को स्वस्थ्य बनाने हेतु यहां पायलट प्रोजेक्ट में गोबर से दाने वाला डीएपी बनायेंगे, कीट प्रबंधन तैयार करेंगे, टानिक का विकल्प भी तैयार करेंगे और भ्रमण पर लेकर जायेंगे जिससे गौ आधारित खेती करने के नए नए आयाम सीखें जायेंगे। उनके आगमन पर गौ सेवकों द्वारा भव्य स्वागत और 30 ग्रामों से 212 किसान उनको सुनने के लिए उपस्थित हुए। इस मौके पर गौ सेवक सुभाष भादो रुंदलाए द्वारा बाफले बाटी चूरमा का सहभोज दिया।
सतपुड़ा गौ अभ्यारण्य केंद्र से ब्रजेश रिछारिया की रिपोर्ट।