टीबी मुक्त मध्यप्रदेश, एक जन आंदोलन।
हरदा से सैयद अरबाज़ अली चिश्ती की रिपोर्ट।
हरदा 2 मार्च 2021/ टीबी को हराने और मध्यप्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को जनआंदोलन का रूप् देने जा रहा है। इस अभियान के लिए टीबी हारेगा, देश जीतेगा का नारा दिया गया है। 5 फरवरी से जिले में क्षय मरीजों के सर्वे से शुरू करके पूरे वर्ष के लिए गतिविधियों का कैलेण्डर बनाया गया है।
सर्वेकर खोजे जा रहे टीबी मरीज:
5 फरवरी को जनआंदोलन अभियान के प्रथम चरण में सर्वे की शुरूआत की गई है। जिला अस्पताल से सर्वेदलों को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. किशोर नागवंशी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। टिमरनी, सिंघनपुर, धुरगाड़ा, दीपगांव खुर्द और भवरदी रैयत में सर्वेपूर्ण कर समीप के गांवों का सर्वे किया जा रहा है। अब तक 1284 घरों का सर्वे कर 5000 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की जा चुकी है और 100 से अधिक बलगम नमूनों की जांच की गई है।
हाई टेक है सर्वे:
सर्वे करने के लिए दलों को किट के साथ टेबलेट मोबाइल दिये गए हैं जिसमें सर्वे दल द्वारा मरीजों की इंट्री की जा रही है। मरीज की जांच पूर्ण होते ही सर्वे दल अपने टेबलेट पर जांच की रिपोर्ट देख सकते हैं।
पत्रकार वार्ता का आयोजन:
टीबी मुक्त मध्यप्रदेश को जनआंदोलन बनाने और आमजनों तक यह संदेश पहुंचाने के लिए मंगलवार को जिला क्षय केंद्र हरदा में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. किशोर कुमार नागवंशी, जिला क्षय अधिकारी डाॅ. गोपाल कश्यप एवं एपिडेमियोलाॅजिस्ट डाॅ. शुभांगी ने संबोधित किया। इस अवसर पर मीडिया आफीसर श्री आई के तिग्गा सहित बड़ी संख्या में पत्रकार बंधु उपस्थित हुए।
कैसे बनेगा जनआंदोलन:
इस सवाल के जवाब में जिला क्षय अधिकारी डाॅ.गोपाल कश्यप ने बताया कि हर व्यक्ति को टीबी के लक्षणों से परिचित होना जरूरी है दो सप्ताह से खांसी, दो सप्ताह से बुखार, बलगम में खून आना, थोडे़ से परिश्रम से ही थक जाना, रात में पसीना आना, बिना किसी ज्ञात कारण के वजन घटना इनमें से कोई भी लक्षण होने पर टीबी का संदेह किया जा सकता है। इस स्थिति में नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करानी चाहिए। अब टीबी की जांच के लिए बलगम माइक्रोस्कोपी के साथ सीबी नाॅट एवं ट्रूनाॅट जैसी अत्याधुनिक जांचें हरदा जिले में उपलब्ध हैं। टीबी निकलने पर 6 माह का डाॅट्स उपचार निःशुल्क दिया जाता है तथा इलाज के दौरान 500 रूपये प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना की राशि मरीज के खाते में डीबीटी के माध्यम से प्रदान की जाती है।
हरदा से सैयद अरबाज़ अली चिश्ती की रिपोर्ट।