जंगल जल रहे हैं, अफसर बेखबर: कई दिनों से जल रहे हैं बिहारपुर वन परीक्षेत्र एवं गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान पार्क के जंगल।
सुरजपुर से पप्पू जायसवाल की रिपोर्ट।
सुरजपुर। सुरजपुर के बिहारपुर क्षेत्र में कई दिनों से जंगल जल रहे हैं जंगल लेकिन अफसर बेखबर बने हुए हैं। ग्राम करौटी, बघवई, महुली, कोल्हुआ, अवंतिकापुर, खोहिर, कछवारी, रामगढ़, उमझर, मोहसोप, चौगा, जडवनिया, खौरा सहित सभी जंगलों में लगी है। आग से जंगल भी सुलग रहे हैं लेकिन वहां भी विभाग बना है बेखबर।
सुरजपुर के बिहारपुर वन परिक्षेत्र के जंगलों में कई दिनों से आग लगी है। अब तो उसकी लपटें दूर गांव में आबादी क्षेत्र से भी दिखाई देने लगी हैं लेकिन अफसर कहते हैं कि उन्हें आग लगने की कोई सूचना नहीं है। गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और वन विभाग दोनों मौन बैठे हैं और जंगल जल कर खाक बन रहे हैं। सूचना देने के बाद भी अफसर बेखबर हैं।
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और वन विभाग दोनों अपने क्षेत्र में देखरेख और कार्यवाही नहीं करने से जंगल हो रहे हैं खाक। बिहारपुर वन परीक्षेत्र के ग्राम करौटी चौगा, जडवनिया, खैरा महुली, कोल्हुआ, अन्तिकापुर, खोहिर सहित बैजनपाठ के आसपास इलाको में भीषण आग लगी हुई है। इसके कारण जंगल के छोटे बड़े पेड़ पौधे ही जलकर खाक नहीं हो हैं बल्कि वन्य जीवों का भी जीवन भी संकट में आ गया है।
स्थानीय लोगों के अनुसार यह आग कई दिनों से लगी हुई है। इसकी सूचना भी उन्होंने दी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। आरोप प्रत्यारोपों में और सुलग रही है जंगल की आग। दूसरी ओर वन विभाग के अफसर कहते हैं आग उनके एरिए में नहीं है। वह गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में होने की बात करते हैं लेकिन इस बढ़ती आग पर काबू कौन पाएगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि बिहारपुर वन क्षेत्र के सभी जंगल में तेजी से आग फैल रही है। वे आरोप लगाते हैं कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी करतूतों को छिपाने के लिए आग बुझाने में कोई तत्परता नहीं दिखाते हैं।
सबके अपने-अपने दावे:
वन परिक्षेत्र बिहारपुर के सभी जंगलों में तेजी से आग फैल रही है। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपनी करतूत छिपाने के लिए आग बुझाने के लिए तत्परता नहीं दिखाते हैं। इमारती लकड़ी का मोटा ठूठ ना जल जाए, तब तक किसी का ध्यान जंगल में नहीं जाएगा। वन कर्मचारी अपने कार्यालय में लगाए कूलर सोए रहते हैं।
सुरजपुर से पप्पू जायसवाल की रिपोर्ट।