लोकमत के वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटैरिया का कोरोना से निधन।
सैयद महमूद अली चिश्ती की ख़ास ख़बर।
मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और लंबे समय तक लोकमत ग्रुप से जुड़े रहे शिव अनुराग पटैरिया का निधन हो गया है। वे कोरोना संक्रमित हो गए थे और पिछले कुछ दिनों से उनका इलाज चल रहा था।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित उमा भारती और अन्य दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि। वरिष्ठ पत्रकार और लोकमत समाचार के भोपाल ब्यूरो प्रमुख शिव अनुराग पटैरिया का बुधवार को कोरोना से निधन हो गया। मध्यप्रदेश के पत्रकारिता जगत में गहरी पैठ रखने वाले अनुराग पटैरिया को संक्रमित होने के बाद इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित बीजेपी नेता उमा भारती और दूसरे दिग्गजों ने शोक जताया है।
शिव अनुराग पटैरिया लंबे समय से लोकमत ग्रुप से जुड़े हुए थे। आंचलिक पत्रकार के तौर पर 1978 में छतरपुर से उन्होंने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की थी। वे पत्रकारिता के साथ-साथ पत्रकारिता व जनसंचार के अध्यापन में भी तीन दशक से ज्यादा समय तक सक्रिय भूमिका में रहे हैं।
कमलनाथ ने ट्वीट कर शिव अनुराग पटैरिया के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘वरिष्ठ पत्रकार श्री शिव अनुराग पटैरिया के दु:खद निधन का समाचार प्राप्त हुआ। वे एक सरल, सहज स्वभाव के होकर मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।’
वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने भी दी श्रद्धांजलि। वरिष्ठ पत्रकार और शिव अनुराग पटैरिया के करीबी मित्र रहे राजेश बादल ने उनके निधन पर शोक संदेश में लिखा, ‘हृदय विदारक। हम लोगों ने बचपन में एक ही दिन एक ही आदिवासी गांव अन गौर में एक ही स्कूल में एक ही कक्षा में पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया था। फिर साथ आठवीं कक्षा तक पढ़े। उसके बाद दसवीं ग्यारहवीं चंद्रनगर में एक ही मकान में रहते हुए पढ़े। उसके बाद एक ही महाराजा कॉलेज छतरपुर से बीएससी किया। फिर साथ एमए इतिहास में किया। एक साल का अंतर हो गया था।’
राजेश बादल ने लिखा, ‘मैने उन्हें इतिहास एमए फाइनल में पढ़ाया। फिर साथ साथ पत्रकारिता की। वे दैनिक जागरण रीवा में, मैं दैनिक जागरण झांसी में। फिर शुभ भारत के दिनों में साथ रहे। राष्ट्रभ्रमण और क्रांतिकृष्ण के साथी भी रहे। फिर मैं इंदौर नई दुनिया गया, तो छह माह बाद उन्हें भी बुला लिया। एक ही अख़बार में रहे। इंदौर में एक ही घर में रहे। और तो और आगे पीछे एक ही कंपनी का स्कूटर खरीदा। विजय सुपर और दोनों का रंग हरा था। क्या ऐसा संयोग किन्ही दो व्यक्तियों के जीवन में आता है। जुड़वां भाइयों में भी नहीं देखने को मिलता।’ उन्होंने आगे लिखा, ‘अफसोस। हमने एक शानदार पत्रकार खो दिया। जुझारू और विलक्षण। मेरी उनकी मित्रता साठ साल चली। उनका घर का नाम रामू था। हम लोग उन्हें रामू ही कहते थे। शिव अनुराग शायद ही कभी कहा हो। भाई रामू। तुम बड़े धोखेबाज निकले। विनम्र श्रद्धांजलि।’
शिव अनुराग पटैरिया को उनके बेहतरीन काम के लिए प्रतिष्ठित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता पुरस्कार, राजेंद्र माथुर फैलोशिप, मेदिनी पुरस्कार, डॉ. शकरदयाल शर्मा अवॉर्ड सहित कई पुरस्कारो से नवाजा जा चुका था।