नदी में कहीं कहीं तो इतनी खुदाई हो चुकी है कि नदी में बन गए हैं तालाब।

नदी में कहीं कहीं तो इतनी खुदाई हो चुकी है कि नदी में बन गए हैं तालाब।

जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का…

सिराली से वसीम खान की रिपोर्ट।

सिराली। अवैध मुरूम बजरी उत्खनन में अधिकारियों की मिलीभगत तो है ही इस कारण अवैध उत्खनन कर्ता ठेकेदारों को भरपूर सहयोग मिल रहा है।

Somewhere in the river, so much excavated that ponds have been made in the river.

अवैध उत्खनन के मामले में जब पड़ताल की तो सामने आया कि उत्खनन में अधिकारियों से मिलकर ही नदी नालों को छलनी किया जा रहा है। नदी नालों में कहीं-कहीं तो इतनी खुदाई हो चुकी है कि नदियों में ही तालाब से बन गए हैं। इन सब से सरकार को राजस्व की तो हानि हो ही रही है अवैध खनन साफ़ साफ होने के बावजूद भी अधिकारी कार्रवाई करने का दम नहीं भर रहे हैं। रात दिन नदी नालों में हो रहा है अवैध उत्खनन। अंधाधुन अवैध उत्खनन किया जाता है ठेकेदार की जेसीबी मशीन और ट्रैक्टरों से। खनन 4:00 बजे रात से ही गांव में सुनने को मिलती है और बजरी से भरे ट्रैक्टरों की आवाजाही शुरू हो जाती है। जेसीबी एक ट्रैक्टर को मुश्किल से 15 मिनट में भर देती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार रात और दिन में कितनी ट्राली मटेरियल खोज कर डाल रहा होगा। इस खनन में दलालों के जरिए आसपास कट रही कालोनियों में महंगे दामों पर बजरी बेचने का काम किया जा रहा है। शासन की रोजगार गारंटी की योजना के मार्ग में भी अवैध उत्खनन कर ठेकेदार द्वारा लाखों रुपए के ठेके लेकर बजरी बेची जाती है। खेत में भी किसान को रास्ता बनवाना रहता है तो वह ठेकेदारों से संपर्क कर लाखों रुपए का ठेका देकर अपनी सड़क बजरी डलवा कर रास्ता बनवा लेता है। खुलेआम सड़क पर बजरी से भरे दौड़ते ट्रैक्टर सुबह से लेकर शाम तक सड़कों पर बजरी से भरे ट्रैक्टर ट्राली नजर आती है। अवैध उत्खनन के ठेकेदारों द्वारा नदी नालों से इतनी खुदाई कर ली गई है कि नदी नालों में जहां तहां खुदाई के निशानों के रूप में गड्डे ही गड्डे दिखाई देते हैं। प्रशासनिक अधिकारी यह नजारा खुलेआम अपनी आंखों से देख मोन बैठे हैं। किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई इन अवैध उत्खनन के ठेकेदारों पर नहीं की जा रही है। सूत्रों के अनुसार जानकारी मिली है कि स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों को महीना दिया जाता है। इसलिए अवैध उत्खननकर्ताओं पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। जबकि शासन के नियम अनुसार चार बार अवैध रूप से उत्खनन या परिवहन करते पकड़े जाने पर तो जुर्माना होगा लेकिन पांचवी बार वाहन को राजसात कर लिया जाएगा। यह कार्रवाई प्रदेश मुख्यालय से नहीं बल्कि जिले में ही हो जाएगी। अधिनियम की धारा 53 (1) के तहत यह प्रावधान किया गया है कि अवैध उत्खनन के ठेकेदारों पर नकेल कसने अब उच्च अधिकारियों की ओर नहीं देखना पड़ेगा लेकिन यहां सिराली तहसील क्षेत्र की नदी नालों से बजरी का अवैध खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है इससे यह जाहिर होता है कि इस पूरे मामले में अधिकारियों की मौन सहमति है। जिसके कारण ठेकेदारों के हौसले बुलंद हैं। अवैध उत्खनन करने का समय बदला अब अवैध उत्खनन के ठेकेदारों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि पहले रात में यह काले कारनामे को अंजाम देते थे पर अब अधिकारियों की लापरवाही के कारण ठेकेदार धड़ल्ले से दिन-रात अवैध उत्खनन कर सड़कों पर बजरी मुरूम से भरे ट्रैक्टर ट्रॉली सरपट दौड़ लगा रहे हैं।इस पूरे मामले में खनिज विभाग अधिकारी जिला हरदा से संपर्क किया गया तो उनके द्वारा कार्रवाई करने की बात कही गई थी लेकिन चार पांच दिन बीत जाने के बाद भी तथा आए दिन सभी समाचार पत्रों में अवैध उत्खनन की खबर प्रकाशित होने के बाद भी खनिज विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई। जब उनसे संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन काट दिया।

Somewhere in the river, so much excavated that ponds have been made in the river.

सिराली से वसीम खान की रिपोर्ट।

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